नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 दिनों में आतंक और घुसपैठ की कम से कम पांच घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को परेशान कर दिया है. इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद विरोधी शीतकालीन रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है. ऐसी दो घटनाएं रियासी जिले के चसाना क्षेत्र में पीर पंजाल के दक्षिण में और राजौरी जिले के नरला क्षेत्र में और तीन घटनाएं उरी और बारामूला के बीच, उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा और अनंतनाग के पास हथलंगा में पर्वत श्रृंखला के उत्तर में हुईं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि आतंकी गतिविधियों में यह तेजी सर्दियों की शुरुआत से पहले जम्मू-कश्मीर को गर्म करने की बढ़ती पाकिस्तानी कोशिशों की ओर इशारा करती है. जब भारी बर्फबारी के कारण उच्च उत्तरी इलाकों में घुसपैठ मुश्किल हो जाती है. एक अधिकारी ने कहा कि ‘हालांकि पीर पंजाल के दक्षिण के इलाकों में LOC के पार से हर मौसम में लॉन्चपैड से आतंकवादियों की घुसपैठ संभव रहती है.’
इसलिए बढ़ रही है घुसपैठ की कोशिश
उन्होंने आगे कहा कि ‘लेकिन लोलाब के उत्तर में चलने वाली शमशबरी रेंज और पीर पंजाल रेंज में बर्फ और कठिन पहाड़ी इलाके के कारण घाटी में प्रवेश करना मुश्किल हो जाता है.’ अधिकारी ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार से सर्दियों से पहले के महीनों में अधिक संख्या में प्रशिक्षित आतंकवादियों को भेजने का प्रयास किया जा रहा है, ऐसा स्थानीय भर्ती संख्या में गिरावट के कारण भी हो रहा है.
हथियारों के बिना घुसपैठ भी बढ़ी
अधिकारी के अनुसार गैर-पारंपरिक मार्गों का उपयोग करके हथियारों के बिना घुसपैठ भी बढ़ रही है. नियंत्रण रेखा के करीब हथियार और गोला-बारूद गिराने की भी घटनाएं हुई हैं, ताकि इन्हें भारतीय सीमा के अंदर आतंकवादी सहयोगियों द्वारा उठाया जा सके. अधिकारियों ने घुसपैठ के मार्ग का तुरंत पता लगाने में कठिनाई की ओर भी इशारा किया.
एक अधिकारी ने कहा ‘जबकि उरी एलओसी पर स्थित है, पीर पंजाल रेंज पर रणनीतिक हाजी पीर दर्रे के करीब है, अनंतनाग पीर पंजाल रेंज और श्रीनगर के बीच स्थित है और पीर पंजाल के दक्षिण के क्षेत्रों से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के लिए सुलभ है.’ हाल के दिनों में खबर आई थी कि कश्मीर क्षेत्र में पिछले कुछ समय से आतंकवादियों की संख्या में कमी आई है, लेकिन सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है.
इस साल जून तक के आंकड़ों के अनुसार, 2020 से UT में मारे गए कुल आतंकवादियों में से 549 स्थानीय थे, जबकि 86 विदेशी मूल के थे. इस अवधि के दौरान आतंकियों को भर्ती करने वालों में कम से कम 133 स्थानीय रंगरूटों ने या तो आत्मसमर्पण कर दिया या उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि इसी अवधि में विदेशी आतंकवादियों की संख्या 17 थी. आंकड़ों से पता चला है कि मई 2023 में घाटी में 36 स्थानीय आतंकवादी और 71 विदेशी आतंकवादी मौजूद थे. और इसी अवधि में जम्मू क्षेत्र में संख्या 13 स्थानीय आतंकवादी और दो विदेशी आतंकवादी थे.
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