नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल भाजपा के पांच नेताओं ने राज्य सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इन नेताओं ने अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों को स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपने की मांग की है।
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता अर्जुन सिंह, पवन सिंह, सौरभ सिंह, मुकुल राय और कबीर शंकर बोस की ओर से वकील अवंतिका मनोहर ने याचिका दायर कर कहा है कि अर्जुन सिंह के तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफे के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस ने बिना कोई जांच किए उनके खिलाफ 64 केस दर्ज किए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने अर्जुन सिंह पर देसी बम से हमला किया, जिसमें उनका बेटा घायल हो गया। इस घटना के बारे में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। उसके बाद उन्होंने ट्रायल कोर्ट का रुख किया।
याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस राज्य सरकार के इशारे पर बीजेपी नेताओं को परेशान कर रही है। भाजपा नेता कबीर शंकर बोस ने कहा है कि उन्हें कोरोना आइसोलेशन वार्ड में दूसरे कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ चार घंटे तक जान-बूझकर रखा गया। ऐसा कर पश्चिम बंगाल की पुलिस ने संविधान की धारा 21 का उल्लंघन किया है। उन्हें राजनीतिक द्वेष की वजह से प्रताड़ित किया जा रहा है। बोस की शादी तृणमूल नेता कल्याण बनर्जी की बेटी से हुई है। जब उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल की तो कल्याण बनर्जी के कहने पर उनके खिलाफ कई केस दर्ज किए गए। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ऐसा कर रही है ताकि आगामी चुनाव में गड़बड़ी की जा सके।
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