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    5 लाख सैलरी, 320 एकड़ में बना आवास; राष्ट्रपति को मिलती हैं ये सारी सुविधाएं

  • July 21, 2022


    नई दिल्ली: देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? आज पता चल जाएगा. राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज संसद भवन में वोटों की गिनती हो रही है. कुछ ही देर में नतीजे भी आ जाएंगे. एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू, जबकि विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं. द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है. उन्हें 60 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने की संभावना है.

    अगर मुर्मू चुनाव जीततीं हैं तो वो देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी. राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग हुई थी. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. अगले दिन नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे. 25 जुलाई 1977 को नीलम संजीव रेड्डी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. तब से ही नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेते आ रहे हैं.

    राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च पद होता है. राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शपथ दिलवाते हैं. राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना कोई कानून पास नहीं हो सकता. आज जब देश को नए राष्ट्रपति मिलेंगे, तो ये जानना भी जरूरी है कि उनकी सैलरी कितनी होती है? उन्हें सुविधाएं क्या मिलती हैं? और उनके पास कौन-कौन सी शक्तियां होतीं हैं?

    सैलरी और सुविधाएं क्या-क्या?

    • 2018 तक राष्ट्रपति को हर महीने 1.50 लाख रुपये सैलरी मिलती थी. लेकिन 2018 में सैलरी को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया था. इसके अलावा राष्ट्रपति को फ्री मेडिकल, टेलीफोन बिल, आवास, बिजली समेत कई सारे भत्ते भी मिलते हैं.
    • राष्ट्रपति को आने-जाने के लिए Mercedes-Benz S 600 Pullman Guard गाड़ी मिलती है. राष्ट्रपति के पास स्पेशल गार्ड होते हैं, जिन्हें प्रेसिडेंशियल बॉडीगार्ड कहा जाता है. इनकी संख्या 86 होती है.
    • जब राष्ट्रपति रिटायर हो जाते हैं, तो उन्हें सैलरी का आधा यानी 2.5 लाख रुपये पेंशन मिलती है. इसके साथ ही एक बंगला (इसका रेंट नहीं लगता), दो मोबाइल फोन और लाइफटाइम फ्री इलाज की सुविधा मिलती है. पूर्व राष्ट्रपति को एक सहयोगी के साथ ट्रेन या हवाई मार्ग से यात्रा करने की सुविधा भी मिलती है.

    340 कमरे के भवन में रहते हैं राष्ट्रपति

    • राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं. इसे ब्रिटिश वायसराय के लिए बनाया गया था. इसे बनाने में 17 साल का वक्त लगा था. 1929 में ये पूरी तरह बनकर तैयार हुआ था. इस भवन को एडवर्ड लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने डिजाइन किया था.
    • राष्ट्रपति भवन 320 एकड़ में फैला हुआ है. ये चार मंजिला भवन है. इसमें 340 कमरे हैं. राष्ट्रपति भवन को बनाने में लगभग 45 लाख ईंटों का इस्तेमाल हुआ था. यहां राष्ट्रपति भवन की इमारत के अलावा मुगल गार्डन और कर्मचारियों का भी आवास है.
    • राष्ट्रपति भवन का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र मुगल गार्डन है. ये 15 एकड़ में फैला है. इसे हर साल आम लोगों के लिए भी खोला जाता है. इसमें पेड़-पौधों को लगाने का काम 1928 में शुरू हुआ था, जो एक साल तक चला था.

    राष्ट्रपति के पास कौन-कौन सी शक्तियां होतीं हैं?

    • अक्सर ऐसा कहा जाता है कि सारी अधिकार और शक्तियां प्रधानमंत्री के पास हैं तो राष्ट्रपति पद का महत्व क्या है? लेकिन ऐसा नहीं है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अपने-अपने क्षेत्र हैं.
    • राष्ट्रपति का प्रमुख दायित्व प्रधानमंत्री की नियुक्ति करना और संविधान का संरक्षण करना है. कोई भी बिल उनकी मंजूरी के बिना पास नहीं होता. राष्ट्रपति मनी बिल को छोड़कर किसी भी बिल को पुनर्विचार को भेज सकते हैं. राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर हैं.
    • राष्ट्रपति के पास इतनी शक्तियां होती हैं कि वो देश में कुछ भी कर सकते हैं. अनुच्छेद 72 के तहत, राष्ट्रपति किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा को माफ, निलंबित या कम कर सकते हैं. फांसी की सजा पाए दोषी पर भी फैसला ले सकते हैं.
    • भारत के चीफ जस्टिस, राज्य के हाईकोर्ट के जजों, राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और राजदूतों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति करते हैं.
    • अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में देश में इमरजेंसी की घोषणा कर सकते हैं.
    • अगर किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र फेल हो गया है, तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कर वहां राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं.
    • अनुच्छेद 360 के तहत भारत या किसी राज्य या किसी क्षेत्र में वित्तीय संकट की स्थिति में राष्ट्रपति वहां वित्तीय आपात की घोषणा कर सकते हैं.
    • अनुच्छेद 75 के तहत, प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति ही करते हैं. सभी अंतरराष्ट्रीय समझौते और संधियां राष्ट्रपति के नाम पर ही होतीं हैं.
    • राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही कोई बिल कानून बनता है. राष्ट्रपति चाहें तो उस बिल को कुछ समय के लिए रोक सकते हैं या पुनर्विचार के लिए भेज सकते हैं. अगर संसद से दूसरी बार भी बिल पास हो जाता है, तो राष्ट्रपति को हस्ताक्षर करना पड़ता है.
    • राष्ट्रपति अपने अधिकारों का इस्तेमाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर करते हैं. राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकते हैं. लेकिन वही सलाह अगर फिर से मिलती है, तो राष्ट्रपति उसे मानने के लिए बाध्य हैं.

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