नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों को लेकर अपनाई जा रही रणनीति काम कर रही है, जिससे प्रभावित होकर अब तक कई बड़े नक्सलियों ने सरेंडर किया है. छत्तीसगढ़ में पुलिस (Police in Chhattisgarh) को एक और बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि 5,00,000 लाख के इनामी नक्सली रूपेश मंडावी ने भी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. जहां उसने कई बड़ी जानकारियां भी पुलिस को दी हैं. जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में अब नक्सलियों की कमर टूट चुकी है. क्योंकि 2025 में बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है, जिसका असर दिखना शुरू हो गया है.
पुलिस को सरेंडर करने के बाद नक्सली रूपेश मंडावी ने बताया कि वह आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी क्षेत्र में काम करता था. लेकिन नक्सल संगठनों के विचारों से उसका मोहभंग हो चुका है, क्योंकि संगठन में निराशा और आंतरिक मतभेद है, जहां सही व्यवहार नहीं होता है, वहीं पिछले कुछ समय में जिस तरह से नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन प्रयास से भी वह प्रभावित हुआ है, जिसके चलते उसने समर्पण का फैसला किया है.
बता दें कि 34 साल का रूपेश मंडावी मोहला मानपुर जिले का रहने वाला था, जो नक्सलियों के संगठन आरकेबी डिवीजन कमेटी सचिव एवं डीके एसजेडसी सदस्य का सक्रिए सदस्य था. वह कई मामलों में एक्टिव रहा था, यही वजह है कि उसका सरेंडर करना पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है.
रूपेश मंडावी ने एक और बड़ी जानकारी दी है, उसका कहना है वह नक्सल संगठनों में चल रहे आंतरिक मदभेद से भी परेशान था, जिससे यह बात भी स्पष्ट होती दिख रही है कि नक्सलियों में भी अब आपसी विवाद दिख रहा है, क्योंकि इससे पहले भी सरेंडर करने वाले कई नक्सली मतभेद की बात को स्वीकार कर चुके हैं, जबकि अब रूपेश मंडावी का सरेंडर भी इसकी बानगी दे रहा है. माना जा रहा है कि नक्सलियों के सरेंडर की पॉलिसी भी अब काम कर रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved