नई दिल्ली। केंद्र सरकार कश्मीर में मासूमों और अल्पसंख्यकों के बहे खून को बर्बाद नहीं जाने देगी। आतंकियों को इसकी कीमत चुकानी होगी। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन हत्याओं के खिलाफ साफ निर्देश दे दिए हैं। केंद्र ने टॉप काउंटर-टेरर (CT) एक्सपर्ट्स की टीमें कश्मीर भेजी हैं। ये आतंकी हमलों में शामिल पाकिस्तान समर्थित स्थानीय मॉड्यूल को बेअसर करने में पुलिस की मदद करेंगी।
बीते दो दिनों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के समर्थन वाले द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) के आतंकियों ने श्रीनगर में एक कश्मीरी पंडित फार्मासिस्ट, स्कूल की प्रिंसिपल, शिक्षक और दो अन्य लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद गृह मंत्री शाह ने गुरुवार को कश्मीर पर पांच घंटे की मैराथन बैठक की। सुरक्षा एजेंसियों को अपने काउंटर-टेरर एक्सपर्ट्स को कश्मीर भेजने के लिए निर्देश दिए। अपराधियों को पकड़ने के लिए सख्ती से कहा।
खुफिया ब्यूरो के काउंटर टेरर ऑपरेशन के प्रमुख तपन डेका घाटी में आतंकियों के खिलाफ लड़ाई की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने जा रहे हैं। वहीं, अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की काउंटर टेरर टीमें जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद के लिए पहले ही कश्मीर पहुंच चुकी हैं। इन हमलों की टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण है। ये ऐसे समय हुए हैं जब बड़ी संख्या में पर्यटक कश्मीर पहुंच रहे हैं। सभी होटल पूरी तरह बुक हैं। श्रीनगर में आर्थिक गतिविधियों में तेजी है।
आतंकी गुटों का बढ़ा हुआ है मनोबल
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकी गुटों का मनोबल सातवें आसमान पर है। पाकिस्तान में नए आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की नियुक्ति के चलते भी इन समूहों का हौसला बढ़ा हुआ है। अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत बनवाने के बाद पाकिस्तान का फोकस कश्मीर पर है। इसमें पहला मिशन अल्पसंख्यकों को घाटी में लौटने से रोकना है।
आतंकी उन लोगों को टारगेट कर रहे हैं जो कश्मीर लौटने का साहस दिखा रहे हैं। शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि हालिया हत्याओं में पिस्तौलों का इस्तेमाल किया गया। मुमकिन है कि इन्हें सीमा पार से ड्रोन के जरिये घाटी के ऊपरी इलाकों में गिराया गया है। पुलिस अधिकारियों को डर है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तानी जिहादी अमेरिकी स्नाइपर राइफल्स और एरिया वेपन अफगानिस्तान से घाटी में लाएंगे।
कश्मीर पर दबाव बनाने की कोशिश
वैसे, आने वाले दिनों में वर्तमान आतंकी मॉड्यूल को निष्प्रभावी किया जा सकता है। लेकिन, यह साफ है कि पाकिस्तान मोदी सरकार को अनुच्छेद 370 और 35A की बहाली और 5 अगस्त, 2019 के फैसले को वापस लेने के इरादे से कश्मीर पर दबाव बनाएगा। इस दिन जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।
कश्मीर के कुछ राजनीतिक दल भी पाकिस्तान से बात करने की वकालत करते रहे हैं। यह अलग बात है कि मोदी सरकार पाकिस्तान के आतंकी समूहों के सामने झुकने के मूड में नहीं है। गृह मंत्री शाह ने सुरक्षा एजेंसियों और अर्ध-सैन्य बलों को बिना किसी देरी के हमलावरों से निपटने और घाटी में सामान्य स्थिति लाने के लिए कहा है।
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