नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) ने अपनी स्वदेशी 4जी और 5जी तकनीक (Indigenous 4G and 5G technology) से अपनी ताकत को साबित कर दिया है। देश अब आने वाले तीन साल में दुनिया के लिए दूरसंचार प्रौद्योगिकी (Telecom Technology) के प्रमुख निर्यातक (Leading Exporter) के तौर पर उभरने को तैयार है। साथ ही, वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि भारत में 5जी सर्विस की शुरुआत एक अक्टूबर, 2022 को हुई थी। इसकी शुरुआत के 100 दिन के अंदर यह 200 से ज्यादा शहरों में शुरू हो चुकी है। 5जी की रफ्तार के लिए इसको दुनियाभर के संबद्ध लोगों से प्रशंसा मिली है, जबकि कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे ‘दुनिया में 5जी का सबसे तेज प्रसार’ बताया गया।
संचार मंत्री ने कहा कि भारत अगले तीन साल में दुनिया का दूरसंचार प्रौद्योगिकी निर्यात के तौर पर उभरने वाला है। वैष्णव ने कहा कि आज भारत की दो कंपनियां दुनिया को निर्यात कर रही हैं। अगले तीन साल में हम भारत को दुनिया में दूरसंचार प्रौद्योगिकी का प्रमुख निर्यातक बनते हुए देखेंगे। उन्होंने बताया कि कम से कम 9-10 देश भारत की इस स्वदेशी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने स्वदेशी 4जी और 5जी प्रौद्योगिकी विकसित करने में भारत सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अब यह प्रौद्योगिकी पूरी तैयार हो चुकी है। इसका परीक्षण शुरुआत में एक साथ 10 लाख कॉल करके किया गया, फिर 50 लाख कॉल करके परीक्षण हुआ। अब इसका परीक्षण एक साथ एक करोड़ कॉल करके किया गया है। इसके अलावा वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। दरअसल वह दूरसंचार के साथ रेल मंत्री भी हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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