इंदौर। 48 आदिवासी बच्चों, जिन्होंने कभी मॉल, सिनेमा हॉल और बड़े-बड़े शोरूम नहीं देखे थे, के चेहरों पर उत्साह के साथ कौतूहल भी नजर आया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जनजाति दिवस पर अनूठी पहल करते हुए न केवल बच्चों के साथ धमाल किया, बल्कि पीवीआर सिनेमा में फिल्म भी दिखाई। नए कपड़े और जूते से सजे बच्चे होटल में खाना खाने को लेकर भी उत्साहित नजर आए।
जनजाति गौरव दिवस के मौके पर सरकारी आयोजनों की तो झड़ी लगी, लेकिन शहर के एक क्षेत्र के अधिकारियों का नजरिया इंदौर का दिल छू गया। अपने परिवार से दूर सरकारी छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे आदिवासी छात्रों को लेकर अधिकारी सी 21 मॉल पहुंचे और खूब धमाल किया। छठी से लेकर आठवीं तक के 48 बच्चे, जो मल्हारगंज स्थित आदिवासी आश्रम में निवास करते हैं, उनका नजरिया अब सरकारी महकमे के लिए अलग ही होगा। आमतौर पर काम नहीं करने वाले, हिटलरशाही करने वाले अधिकारियों की छवि से अलग मल्हारगंज एसडीएम मुनीष सिकरवार और उनकी टीम ने एक अच्छी पहल की है।
ऊंचाई से भरी उड़ान, फिल्म देखने के बाद खाना खाया
अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर अपनी टीम की इस अच्छी पहल को प्रोत्साहित करने के लिए खुद भी शामिल हुए। बच्चों के साथ मॉल पहुंचे अपर कलेक्टर के अनुसार पिछड़े वर्ग के होने के कारण इन बच्चों को मॉल, सिनेमा हॉल जैसी चकाचौंध देखने को नहीं मिलती, लेकिन कल इंदौर की टीम की पहल से इन बच्चों के चेहरे पर जो जोश और सुकून दिखा, वह आत्मा को शांति देने वाला है। बच्चों ने ऊंचाई फिल्म का मजा लिया और उसके बाद पंचवटी गौरव रेस्टोरेंट में खाना खाया। मल्हारगंज की टीम ने बच्चों को पहले ट्रैकसूट और जूते दिलवाए, उसके बाद धमाल कराया।
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