भोपाल। एसपीएस से आईपीएस अवार्ड के लिए 2 मई को दिल्ली में डीपीसी होगी। यह डीपीसी दो साल से खाली 16 पदों के लिए हो रही है। डीपीसी के दौरान आईपीएस के 16 पदों के लिए तीन गुने यानी 48 अफसरों के नाम शामिल होंगे। इनमें राज्य पुलिस सेवा 1995 बैच के 2 अफसरों के अलावा 1996 और 1997 बैच के अफसरों के नाम शामिल होंगे। दो साल से खाली पड़े 16 पदों के लिए डीपीसी होना है। जिसमें 1996 और 1997 बैच की एक साथ डीपीसी होगी। लिस्ट में शुरूआती दो नाम 1995 बैंच के अफसरों के हैं। कोर्ट में मामला विचाराधीन होना, ओवर एज होना और विभागीय जांच के कारण आठ अफसरों के लिफाफे बंद रहने की संभावना है।
इन अफसरों के नाम पर नहीं होगा विचार
इन नामों में देवेंद्र सिरोलिया 59 साल, गोपाल प्रसाद खांडेल की उम्र 60 साल से ज्यादा और मुन्नालाल चौरसिया भी 60 साल के हो चुके हैं। इसलिए उनके नामों को शामिल नहीं किया जाएगा। विभागीय जांच के कारण प्रकाश चंद्र परिहार के नाम पर विचार नहीं होगा। यही स्थिति विनोद कुमार सिंह और सीताराम ससत्या के साथ है। इनके मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। अरुणकुमार मिश्र की विभागीय जांच हुई थी। हालांकि हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिली है। शासन उसके खिलाफ डबल बैंच में चला गया है। ऐसी स्थिति में उनके नाम पर विचार संभव नहीं है। पुरानी विभागीय जांच के कारण अवधेश प्रताप सिंह का भी लिफाफा नहीं खोला जाएगा।
इन्हें हो सकेगा आईपीएस अवार्ड
सब कुछ ठीक तो 16 खाली पदों के लिए मनीष खत्री, राजेश कुमार त्रिपाठी, सुनील कुमार मेहता, वीरेंद्र जैन, देवेंद्र कुमार पाटीदार, राय सिंह नरवरिया, रामशरण प्रजापति, सुंदर सिंह कनेश, राजेश व्यास, पद्म विलोचन शुक्ला, सुधीर कुमार अग्रवाल, पंकज कुमार पांडेय, अजय पांडेय, संजय कुमार अग्रवाल दिलीप सोनी और राजेंद्र कुमार वर्मा के नामों को शामिल किया जा सकता है।
नहीं तो सिर्फ एक पद से ही करना पड़ता संतोष
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों से आर्ईपीएस की वर्ष 2022 में एक ही वैकंसी निकली थी। जबकि इस वर्ष की डीपीसी में 6 अफसरों को आईपीएस अवार्ड होना है। दरअसल पिछले साल जून में आईपीएस कॉडर रिव्यू हुआ था, जिसमें राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड के लिए पांच पदों का इजाफा हुआ था। इसके चलते इन अफसरों को पांच पद और मिल गए।
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