बागपत। हाल ही में एक संयोगवश हुई खोज में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में ताम्र युग के अस्त्र-शस्त्र (Copper Age weapons) मिलने का दावा किया है। इन प्राचीन अवशेषों (Ancient Remains) में मानवरूपी आकृतियां और हथियार शामिल हैं। जैसे चार फीट लंबी तलवारें, जो 4500 वर्ष से भी प्राचीन हैं। बताया जाता है कि ताम्र युग के दौरान लोगों ने तांबे से कई तरह के हथियार बनाए। इनमें कुल्हाड़ी, चाकू और गदा भी शामिल थे, जिनसे लोगों को मारा जाता था। तांबे से तीर के सिरे भी बनाए।
शहजाद राय शोध संस्थान के निदेशक डा. अमित राय जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विजय कुमार और उनके प्रयासों से भारतीय ताम्र पाषाण युगीन सभ्यता की तिथि का निर्धारण हो पाया है। इस शोध में बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम ने उनके साथ काम करके रेडियो कार्बन डेटिंग से इसका पता लगाया है। यूरोपीय देश हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट की प्रयोगशाला में शहजाद राय शोध संस्थान में संग्रहित ताम्र युगीन सभ्यता के अस्त्र-शस्त्रों के 38 सैंपल को भेजा गया था। इनमें से 35 सैंपल की कार्बन डेटिंग उम्र 4500 वर्ष ईसा पूर्व की पाई गई है।
ताम्र युग के हथियार सबसे अधिक प्राचीन धातु शस्त्र
भारत की ताम्र सभ्यता के अस्त्र-शस्त्रों को महाभारत कालीन माना गया है। इन हथियारों से युद्ध लड़के भारत की प्राचीन सभ्यता के लोगों ने देश और अपनी रक्षा की थी। डॉक्टर अमित राय जैन ने कहा कि भारत की ताम्र युग के हथियार सबसे अधिक प्राचीन धातु शस्त्र हैं। शहजाद राय शोध संस्थान में शाहजहांपुर के निगोही से मिले करीब 225 ताम्रयुगीन अस्त्र-शस्त्रों के जखीरा पर शोध चल रहा है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का इतिहास विभाग से भी इस शोध कार्य में सहयोग के लिए परामर्श किया जा रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved