उज्जैन। अचल सम्पत्ति के कारोबार में सट्टेबाजी पर तो रोक लगी, वहीं तेजी का माहौल अभी भी कायम है। गत वित्त वर्ष में पंजीयन विभाग ने रिकॉर्ड तोड़ रुपए कमाए, तो इस वित्त वर्ष का पहला अप्रैल का महीना भी लाभदायक साबित हुआ, जिसमें लगभग 4500 रजिस्ट्रियों से 35 करोड़ का राजस्व अर्जित हो गया, जबकि गत वर्ष 15 करोड़ ही मिले थे। हालांकि 20 अप्रैल से 13 मई तक लॉकडाउन भी लगा।
भूखंडों के साथ निर्मित सम्पत्तियों की पूछ-परख भी बढ़ी है। चारों तरफ नए प्रोजेक्ट आ रहे हैं। पिछले दिनों क्रेडाई द्वारा लगाया गया प्रॉपर्टी शो भी सफल साबित हुआ, वहीं अप्रैल के महीने में भी बड़़ी संख्या में रजिस्ट्रियां हुई हैं और अभी मई में भी यह सिलसिला कायम है। वरिष्ठ जिला पंजीयक ऋतंभरा द्विवेदी के मुताबिक गत वित्त वर्ष में जहां 600 करोड़ रुपए का राजस्व मिला, वहीं इस वित्त वर्ष की शुरुआत भी अच्छी रही और अप्रैल के महीने में 35 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया गया। इस दौरान लगभग 4500 रजिस्ट्रियां हुई हैं। कुछ नए क्षेत्रों के अलावा उन क्षेत्रों में गाइडलाइन तय करने के अलावा उन क्षेत्रों में भी वृद्धि की गई, जहां पर गत वर्ष सर्वाधिक रजिस्ट्रियां हुईं। दूसरी तरफ रेरा में तमाम प्रोजेक्ट लम्बित पड़े हैं। इंदौर के ही ढाई से तीन हजार करोड़ के प्रोजेक्टों को मंजूरी का इंतजार है।
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