इंदौर, राजेश ज्वेल। सुपर कॉरिडोर (super corridor) पर इंदौर विकास प्राधिकरण 20 एकड़ जमीन पर जो स्टार्र्टअप पार्क की प्लानिंग कर रहा है उसके लिए आर्किटेक्ट कंसल्टेंट और मास्टर प्लानिंग (Architect Consultant and Master Planning) के लिए टेंडर बुलाए गए हैं। यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 450 करोड़ का रहेगा, जिसमें खंडवा रोड स्थित क्रिस्टल आईटी पार्क की तर्ज पर अलग-अलग बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स निर्मित (multi-storey complex) कराए जाएंगे, जो स्टार्र्टअप कम्पनियों को लीज पर उपलब्ध होंगे। प्रदेश शासन की नई स्टार्र्टअप पॉलिसी की भी लॉन्चिंग 13 मई को होने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) भी मौजूद रहेंगे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) वर्चुअली जुड़ेंगे और उनके हाथों ही पॉलिसी की लॉन्चिंग करवाई जाएगी। अभी ऑटो एक्सपो में भी मुख्यमंत्री ने स्टार्र्टअप को प्रोत्साहन देने के संबंध में कई तरह की घोषणाएं भी की थीं और इससे जुड़े युवा भी इस आयोजन में शामिल हुए।
शासन-प्रशासन के इंदौर को हेल्थ, एजुकेशन और आईटी (Education and IT) के साथ-साथ स्टार्र्टअप का हब बनाने के भी प्रयास चल रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने भी पिछले दिनों स्टार्र्टअप के मद्देनजर युवाओं को प्रोत्साहित करने संबंधी कई निर्णय लिए और उनकी मांग पर रात्रिकालीन खान-पान सहित अन्य सुविधाएं भी शुरू करने की पहल की है। दूसरी तरफ प्राधिकरण ने अपने सालाना बजट में स्टार्र्टअप प्रोजेक्ट को भी लिया है। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा के मुताबिक सुपर कॉरिडोर पर 20 एकड़ में स्टार्र्टअप पार्क विकसित किया जाएगा।
उसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप यह स्टार्र्टअप पार्क सर्वसुविधायुक्त (startup park fully equipped) रहेगा। प्राधिकरण ने इस स्टार्र्टअप पार्क के लिए आर्किटेक्चर, कंसल्टेंट और डिजाइनिंग सहित मास्टर प्लानिंग के लिए टेंडर भी आमंत्रित कर लिए हैं। प्राधिकरण के मुख्य नगर नियोजक एके खरे के मुताबिक अलग-अलग चरणों में स्टार्र्टअप पार्क विकसित किया जाएगा और क्रिस्टल आईटी पार्क की तर्ज पर ही अलग-अलग बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स निर्मित होंगे। यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 450 करोड़ रुपए का रहेगा। इधर मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जो 13 मई को खुद की स्टार्र्टअप पॉलिसी लॉन्च करने जा रहा है।
रेस्टोरेंट से लेकर ऑटोमोबाइल में बढ़ी स्टार्टअप की संख्या
इंदौर में इस वक्त छोटे-बड़े लगभग 800 स्टार्र्टअप काम कर रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक आईटी सेक्टर के तो हैं ही, वहीं रेस्टोरेंट से लेकर ऑटोमोबाइल, रियल इस्टेट, हेल्थ और एजुकेशन से जुड़े स्टार्र्टअप शामिल हैं। कोरोना के बाद इसमें तेजी से इजाफा हुआ है और हजारों करोड़ रुपए की फंडिंग भी इन स्टार्र्टअप को मिलने लगी है।
रात में भी रोशन रहेगा शहर, जल्द मिलेगी अनुमति
कलेक्टर मनीष सिंह ने पिछले दिनों स्टार्र्टअप से जुड़े लोगों की मांग पर रात में भी खान-पान सहित अन्य गतिविधियों को शुरू करने की पहल की और शासन ने भी मंजूरी दे दी। जल्द ही शहर के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट से लेकर अन्य तरह की गतिविधियां रात में भी शुरू हो जाएंगी।
कम किराए के साथ कई तरह की छूट भी देगा शासन
13 मई को जिस नई स्टार्टअप पॉलिसी की लॉन्चिंग की जा रही है उसमें टैक्स में कई तरह की छूट के साथ सुविधाएं भी दी जाएंगी। महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्र्टअप को भी अतिरिक्त सहायता के साथ इन्क्यूबेटर उन्नयन में भी 5 लाख रुपए तक की एकमुश्त सहायता, लीज पर दिए जाने वाले स्थल के किराए में छूट के साथ-साथ लीजिंग की राशि भी कम ही रखी जाएगी, ताकि अधिक से अधिक युवा इसका लाभ ले सकें। पेटेंट सहायता के साथ-साथ बिजली शुल्क में भी छूट का लाभ उसी तरह दिया जाएगा, जिस तरह औद्योगिक कम्पनियों को मिलता है।
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