इंदौर। सूरज की किरणों से पैनल्स लगाकर बिजली बनाने में इंदौर, उज्जैन शहर काफी आगे हैं। इंदौर शहर सीमा में लगभग सवा चार हजार और उज्जैन शहर सीमा में लगभग 700 स्थानों पर सूरज की किरणों से बिजली तैयार की जा रही है। मौजूदा उपभोक्ताओं के घर, परिसरों , कार्यालयों की छतों आदि स्थानों पर पैनल्स से बिजली तैयार हो रही है। बिजली कंपनी अधिकारियों ने बताया कि सवा महीने में इंदौर शहरी क्षेत्र में 200 से ज्यादा छतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं।
मालवा-निमाड़ में अब नेट मीटर के माध्यम से बिजली तैयार करने वाले परिसरों की संख्या बढक़र सात हजार के पार हो गई है। वर्तमाम में उच्च दाब और निम्न दाब दोनों ही श्रेणी के उपभोक्ता इस ओर सतत जुड़ते जा रहे हैं। ज्यादातर शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्थानों पर छत, परिसरों, औद्योगिक इकाइयों के परिसरों में सोलर पैनल्स लगाकर बिजली तैयार की जा रही है। इस बिजली को लाइनों में भेजा जाता है। संबंधित उपभोक्ता को मात्र अंतर राशि का बिल प्रदान किया जाता है। इस तरह कंपनी क्षेत्र में हजारों उपभोक्ताओं की ग्रीन एनर्जी में रूचि बढऩे से आर्थिक रूप से भी बचत हो रही है। छत, परिसरों का सदुपयोग हो रहा है।
एमडी अमित तोमर ने बताया कि समय-समय पर नए उपभोक्ताओं को सोलर पैनल्स लगाने के लिए सब्सिडी भी शासन की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। तोमर ने बताया कि सबसे ज्यादा 4350 उपभोक्ताओं की रूचि इंदौर शहर के आसपास में देखी गई है। इसके बाद उज्जैन शहर में करीब सात सौ और उज्जैन जिले में 900, रतलाम जिला 300, खरगोन जिला 240, नीमच जिला 180, धार जिला 155, मंदसौर जिला 120, बड़वानी जिला 108, खंडवा जिले में 105 स्थानों पर सूरज की किरणों से बिजली तैयार की जा रही है। सभी स्थानों पर नेट मीटर लगे है। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने बताया कि केंद्र और राज्य शासन दोनों ही सौर ऊर्जा से अधिकाधिक बिजली तैयार करने और कार्बन उत्सर्जन में कमी की दिशा में सघन प्रयास कर रही है। बिजली कंपनी भी इसी दिशा में हरसंभव मदद कर उपभोक्ताओं से घर, परिसर, छतों का उपयोग कर अपनी छत-अपनी बिजली का नारा बुलंद करने का आह्वान कर रही है। काफी उपभोक्ता इसमें जुड़ते भी जा रहे हैं।
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