इन्दौर। दो साल बाद एक बार फिर स्वाइन फ्लू (swine flu) ने दस्तक दी है। पिछले तीन हफ्तों में 43 नए मामले सामने आए है। स्वास्थ्य विभाग (health department) द्वारा जांच (investigation) के लिए भेजे गए 166 सैम्पलों में 43 मामले पाजिटिव पाए गए हैं। आमतौर पर सूअरों में फैलने वाली बीमारी मनुष्यों को चपेट में ले लेती है। एहतियात रखने के निर्देश जारी किए हैं।
2 साल बाद फिर इंदौर जिले में स्वाइन फ्लू का संक्रमण सक्रिय हो गया है। हालांकि पिछले सालों की तुलना में इन्फेक्शन का प्रतिशत 25 प्रतिशत है। आमतौर पर बुखार, सर्दी के बाद सांस लेने में दिक्कत के लक्षण सामने आते हैं। उसके बाद ही जांच के लिए सैम्पल भेजे जा रहे हैं। 2019 में यदि स्वाइन फ्लू के आंकड़ों को देखा जाए तो इसके आंकड़े 18 प्रतिशत तक ही प्रभावित कर रहे थे, वहीं 2017 में 23 प्रतिशत इन्फेक्शन की दर रिकार्ड की गई थी।
यह है लक्षण
बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, डायरिया, खांसी बार बार छींक आना, थकान या नाक बार-बार बंद हो रही है तो इन लक्षणों को अनदेखा न करें। गंभीर रूप से सांस तंत्र पर हमला करने वाला यह वायरस निमोनिया करने के साथ-साथ सांस लेने में भी दिक्कत पैदा कर सकता है। अस्थमा और डायबिटीज के मरीजों को सबसे अधिक खतरा। एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता के निर्देश जारी करते हुए कहा कि बार बार हाथ धोए। सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें, वहीं बुखार आने पर कोई भी दवाई न ले। समय पर डाक्टरी सलाह लें।
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