इन्दौर। शहरभर में नगर निगम द्वारा 426 एमएलडी पानी सप्लाय किया जाता है, लेकिन अब वह भी कम पडऩे लगा है, क्योंकि कई क्षेत्रों में पानी नहीं मिलने की शिकायतें लगातार आ रही हैं। इसी के चलते निगम द्वारा 10 और नई टंकियां बनवाई गई थीं, लेकिन सप्लाय लाइन बिछाने का मामला ऐसा उलझन में पड़ा कि पांच सालों में भी काम पूरा नहीं हो पाया। लाइन बिछाने वाली कंपनी पर लापरवाही को लेकर अब तक की सबसे बड़ी 16 करोड़ की पेनल्टी भी लगाई जा चुकी है। इस बार गर्मी में फिर हालात बिगड़ेंगे और टैंकर दौड़ाने पड़ेंगे।
नगर निगम ने प्रोजेक्ट अमृत के तहत शहर के विभिन्न स्थानों पर नई टंकियां बनाने के काम शुरू कराए थे, जो पूरे हो चुके हैं। इन टंकियों के लिए निगम ने एलएंडटी कंपनी को 1100 किमी क्षेत्र में सप्लाय लाइन बिछाने का काम सौंपा था, जो पांच सालों में भी पूरा नहीं हो पाया। अभी भी तीन से चार किमी के हिस्से में काम होना बाकी है। सप्लाय लाइन बिछाने के बाद लाइनों की टेस्टिंग के साथ-साथ अन्य कार्यों में भी 6 माह से लेकर एक वर्ष का समय और लग सकता है। नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक वर्तमान में शहर की पुरानी 99 टंकियों से पानी सप्लाय किया जाता है और हर रोज 426 एमएलडी पानी शहर के अलग-अलग इलाकों में सप्लाय होता है, लेकिन हर बार गर्मी में पानी की कमी के चलते निगम को टैंकर दौड़ाने पड़ते हैं, जिसका करोड़ों में भुगतान होता है। एलएंडटी कंपनी को निगम ने कई हिस्सों में नई टंकियों के लिए सप्लाय लाइन बिछाने का काम दिया था और काम में लगातार देरी के चलते प्रोजेक्ट पिछड़ता गया। बैठकों के दौरान कंपनी के अधिकारियों को भी फटकार लगाई गई और नोटिस भी जारी किए गए। दिल्ली से कंपनी के अधिकारियों को बुलाकर तलब किया गया, लेकिन फिर भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो निगम ने अलग-अलग समय पर कंपनी के खिलाफ पेनल्टी लगाई। अधिकारियों के मुताबिक अब तक कंपनी पर 16 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। वहीं 1100 किमी के हिस्से में लाइनें बिछाने के लिए कंपनी को 287 करोड़ रुपए में ठेका दिया गया था।
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