इंदौर (Indore)। प्रशासन द्वारा जहां अंतरविभागीय (interdepartmental) मामलों के निराकरण के लिए एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसके जरिए समस्याओं के निराकरण की ऑनलाइन मॉनिटरिंग (Online monitoring) की जा सकेगी। इसके साथ ही सभी सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों का भी बेटाबेस तैयार किया जा रहा है। लगभग 411 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने डेटाबेस तैयार करने में रुचि नहीं ली, उन्हें अब कलेक्टर के निर्देश पर नोटिस थमाए जा रहे हैं, जिसमें मान्यता समाप्ति तक की चेतावनी दी जा रही है।
इंटर डिपार्टमेंटल इश्यू मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल का डेमो भी कल समय सीमा के पत्रों के निराकरण और अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक में रखा गया। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, अपर कलेक्टर डॉ. अजय देव शर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा और अपर कलेक्टर सपना लोवंशी सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। पोर्टल का नाम भी सुझाया जा सकता है, जिसे जिला ई-गर्वनेस प्रबंधक अंकिता पोरवाल को दिया जा सकता है। कलेक्टर के मुताबिक सभी स्कूलों को कहा गया है कि वे अपने बच्चों का डेटाबेस अनिवार्य रूप से तैयार करें और निर्धारित पोर्टल पर उसकी एंट्री भी करवाएं।
जिन स्कूलों ने डेटाबेस तैयार नहीं किए हैं उनके खिलाफ अब कार्रवाई शुरू की जा रही है और इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास और जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। लगभग 411 उन स्कूलों को भी नोटिस थमाए जा रहे हैं जिन्होंने डेटाबेस तैयार करने में रुचि नहीं दिखाई और अगर नोटिस के बावजूद तय समय सीमा में यह कार्य नहीं किया तो फिर उनकी मान्यता भी समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इंदौर जिले में साढ़े 8 लाख से अधिक स्कूली बच्चे हैं, जो कि छोटे-बड़े 2350 निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। वहीं लगभग डेढ़ लाख बच्चे 1170 सरकारी स्कूलों में हैं।
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