भोपाल। कोरोना महामारी के कारण मंदी का दौर आया, लेकिन उद्यमियों में आत्मनिर्भरता के लिए जागे जज्बे ने स्थिति को उलट कर रख दिया। मप्र औद्योगिक विकास निगम के इंदौर-उज्जैन रीजन में उद्योगपति लगातार जमीन की मांग कर रहे हैं। कोरोना काल के इन दो सालों में करीब 430 से ज्यादा कंपनियों ने जमीन के लिए आवेदन दिए। इनमें से अधिकांश ने जमीनें लेकर काम शुरू भी कर दिया है। इस दौर में करीब 4100 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश आया है। कंपनियों ने युवाओं को 19230 से ज्यादा रोजगार के मौके दिए हैं। वहीं इतने ही अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिले। चौंकाने वाली बात यह रही कि झाबुआ के समीप विकसित औद्योगिक क्षेत्र से आठ साल की वीरानगी दूर हो गई। प्रदेश में जल्द ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है। इसमें प्रदेश को शोकेस किया जाएगा। इससे पहले ही इंदौर-उज्जैन रीजन में आए निवेश पर नजर डालें तो एक अलग ही तस्वीर सामने आ रही है। मौजूदा उद्योग विस्तार कर रहे हैं।
यहां जल्द शुरू होगा काम
यह रहे कारण
मल्टी इंडस्ट्री डिमांड आ रही
एमपीआइडीसी के कार्यकारी संचालक रोहन सक्सेना का कहना है, महामारी के बाद मंदी नहीं कंपनियां उत्साह के साथ आ रही है। कई बड़ी कंपनियां संपर्क में हैं। सबसे बड़ी बात मल्टी इंडस्ट्री डिमांड है। जैसे डीएमआइसी के तहत विकसित विक्रम उद्योगपुरी में प्रतिभा सिन्टेक्स, बदनावर में एविट, जेतपुरा में एसआरएफ, पीथमपुर में गुफिक व सिपला फार्मा, हेटिच आदि। इससे सभी तरह के रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
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