उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग (tunnel in uttarkashi) का हिस्सा ढहने से उसके मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास (war effort) जारी हैं। मलबे के अंदर कुल 41 लोग फंसे हुए हैं। इसके पहले खबरें थीं कि मलबे के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं। यहा सिल्कयारा टनल (Silkyara Tunnel) में फंसे लोगों को बचाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक (high level meeting) चल रही है ताकि उन्हें जल्द से जल्द बचाया जा सके। सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए वन विभाग ने नया तरीका अपनाया है। विभाग ने सिल्क्यारा सुरंग में एक पेड़ काटने वाले को बुलाया है।
प्रशासन अब सुरंग के ऊपरी हिस्से से मजदूरों तक पहुंचेगा। इसके लिए वर्टिकल ड्रिलिंग का तरीका अपनाया जाएगा। विभाग इसके लिए वैकल्पिक रास्ते पर विचार कर रहा है। इसके पहले मलबे को हटाने के लिए दिल्ली से एक अमेरिकी ऑगर मशीन लाई गई थी। इस मशी ने 22 मीटर तक ड्रिलिंग की और चार पाइप डाल दिए थे। उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया, “…पूरे क्षेत्र की ताकत को इस स्तर तक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है कि हम जहां बचाव कार्य कर रहे हैं, वहां तक श्रमिकों के लिए पहुंचना पूरी तरह से सुरक्षित रहे…”
वहीं हादसे पर उत्तरकाशी DFO डी.पी. बलूनी ने बताया, “कुछ दूसरे विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं… टनल के ठीक ऊपर जिस स्पॉट की पहचान की गई है वहां से बोरिंग करके नीचे के लिए गड्ढा किया जाएगा। इसकी गहराई 3 से 3.5 मीटर हो सकती है… जिन एजेंसियों को बचाव कार्य दिया जा रहा है वे पहले भी इस तरह के काम कर चुकी हैं। आशा है कि हम जल्द से जल्द उन लोगों(श्रमिकों) के पास पहुंच जाएंगे।”
बता दें कि मजदूरों को वहां फंसे हुए 140 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। पिछले एक सप्ताह से उनको बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है। मजदूरों के परिजन इसे लेकर काफी चिंतित हैं। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी को लेकर नाराजगी भी जताई है। मलबा गिरने के खतरे की वजह से मशीन से ड्रिलिंग बंद कर दी गई है। अब उपर से यानी वर्टिकल ड्रिलिंग किए जाने की तैयारी है। पहाड़ के उपर से सीधे नीचे ड्रिलिंग करना भी खतरे से भरा हुआ है। अधिकारी दूसरे विकल्पों की तलाश में भी हैं।
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