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    11 दिसंबर को होने वाली लोक अदालत के लिए 41 खंडपीठें बनाईं

  • December 06, 2021

    • जिला मुख्यालय के अलावा तहसीलों में भी होगी सुनवाई-जुर्माने में छूट का प्रावधान-संपत्ति कर में भी मिलेगी छूट-इस वर्ष की अंतिम लोक अदालत

    उज्जैन। आगामी 11 दिसम्बर को जिला कोर्ट सहित तहसील न्यायालयों में इस साल की आखिरी लोक अदालत लगेगी। इसमें विभिन्न प्रकरणों सहित चेक बाउंस के मामलों की भी सुनवाई होगी और निपटारा होने पर जुर्माने पर भारी छूट दी जाएगी। आयोजन को लेकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एनपी सिंह ने पक्षकारों से अपील की है कि वे अपने राजीनामा योग्य लम्बित एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के माध्यम से राजीनामा के आधार पर प्रकरणों का निराकरण कराने आएँ। उन्होंने बताया कि इस हेतु जिला न्यायालय में पदस्थ समस्त न्यायिक अधिकारियों के द्वारा न्यायालय में लम्बित प्रकरणों को चिन्हित कर प्रीसीटिंग की कार्यवाही रोज की जा रही है।



    लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित प्रकरण जैसे दीवानी, आपराधिक, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना, क्षतिपूर्ति दावा, पारिवारिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण, विद्युत प्रकरण, श्रम एवं रोजगार, मनी रिकवरी, जनुपयोगी लोक अदालत जैसे समस्त राजीनामा योग्य प्रकरण, बैंक रिकवरी, बिजली एवं जल कर, सम्पत्ति कर सम्बन्धित प्रीलिटिगेशन आदि प्रकरणों का निराकरण सुलह एवं समझौते के माध्यम से किया जायेगा। इसके लिए लोग न्यायालय अथवा विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आकर सम्पर्क कर सकते हैं। लोक अदालत में इसबार मामलों के निपटारे पर अभियुक्त पर लगने वाले अर्थदण्ड में विशेष छूट दी जायेगी। इसी प्रकार जल कर, सम्पत्ति कर एवं विद्युत चोरी के मामले में भी निर्धारित छूट का लाभ मिल सकेगा। प्राधिकरण के सचिव व जिला न्यायाधीश अरविंद जैन ने बताया कि वर्तमान में लोक अदालत हेतु न्यायालय में लम्बित कुल 6860 प्रकरण तथा प्रीलिटिगेशन के 7670 प्रकरण हैं, इस तरह कुल 14530 प्रकरण रखे जा चुके हैं और आगे भी दिन-प्रतिदिन प्रकरणों को रखा जा रहा है। तहसील स्तर के न्यायालयों की कुल 41 खण्डपीठों के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।

    नगर निगम ने लोक अदालत के लिए जारी किए 1200 बिल वारंट
    संपत्ति कर की वसूली के लिए नगर निगम जमकर प्रयास कर रहा है। कोरोना के बावजूद भी इस बार अच्छी वसूली नगर निगम द्वारा की जा रही है। 11 दिसंबर को होने वाली लोक अदालत के लिए नगर निगम ने 1200 बिल वारंट जारी कर दिए हैं। नगर निगम की आय का सबसे बड़ा साधन संपत्ति कर है। पिछले वर्ष 27 करोड़ की अपेक्षा इस बार नगर निगम 30 करोड़ से अधिक राशि वसूलने का लक्ष्य रख रहा है। इसके लिए लोक अदालत में वसूली के प्रयास तेज हो रहे हैं। नगर निगम के संपत्ति कर सहायक अधिकारी तेजकरण गुनावादिया ने बताया बैठक में लोक अदालत के न्यायाधीश ने हमें दो करोड़ रुपए का लक्ष्य इस लोक अदालत में वसूलने का दिया है। सब कुछ ठीक रहा तो हम इस लोक अदालत में ढाई करोड़ से ज्यादा की वसूली करेंगे इसके लिए 1200 बिल वारंट जारी किया जा चुके हैं और दो-तीन दिन में और बिल वारंट जारी किए जाएँगे। करीब दो हजार बिल वारंट जारी करेंगे। इससे हमें ढाई से 3 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होगी। वर्तमान में नगर निगम के संपत्ति कर की वसूली 17 करोड़ से ऊपर हो गई है और इस बार 30 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, वहीं बैठक लेकर सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अधिक से अधिक वसूली करें जो जोन सबसे अधिक वसूली करेगा, उसके कर्मचारियों को 26 जनवरी को कलेक्टर सम्मानित करेंगे।

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