नई दिल्ली। देश में पिछले 16 साल में 40 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से मुक्त हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की रिपोर्ट का हवाले से इस बात का दावा किया है। सरकार ने राज्यसभा में कहा कि भारत में 2005-06 से 2019-21 के बीच 41.5 करोड़ लोग गरीबी की बेड़ियों से आजाद हो चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (OPHI) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की ओर से जारी वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2022 रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हो चुके हैं। यह आंकड़ा 2005-06 से 2019-21 के बीच का है।
एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021 की रिपोर्ट की मानें तो भारत की जनसंख्या के 25.01 फीसदी लोगों की बहुआयामी गरीब के रूप में पहचान की गई है। ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 32.75 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 8.81 फीसदी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ की ओर सरकार की प्रतिबद्धता में दिखाई देता हैं। देश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को आगे बढ़ाने और उनका विकास करने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।
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