– तुगलकी आदेश से किसान भौचक…
– जैसे ही वाट्सऐप पर मैसेज आया वैसे ही दौड़े व्यापारी…
– डेढ़ घंटे का भी समय नहीं मिला पुराना माल निकालने के लिए
– सब्जी की बोरियों से लेकर तराजू-बाट तक तोक ले गए सब्जी विक्रेता
– आधी रात तक मंडी के आसपास होती रही सौदेबाजी
इंदौर, रोहित पचौरिया।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कल इंदौर में बैठक के दौरान आला अधिकारियों को निर्देश दिए कि 31 मई तक कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩा है और तब तक संक्रमण दर 5 फीसदी से नीचे आना चाहिए। मुख्यमंत्री के भोपाल उड़ते ही कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने देर शाम आदेश दिए कि 28 मई तक सभी किराना दुकानें बंद रहेंगी और फल-सब्जी भी नहीं बेच सकते। चोइथराम मंडी (Choitharam Mandi) से भी फल और सब्जी का विक्रय नहीं होगा। यह खबर सोशल मीडिया के जरिए आग की तरह फैली। चोइथराम फल और सब्जी मंडी के अध्यक्षों ने भी अपने-अपने वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से व्यापारियों को सूचित किया कि कल से मंडी बंद रहेगी और आज रात 11 बजे तक ही सभी अपना पुराना माल मंडी में से निकाल सकते हैं। इस खबर को पढ़ते ही कई व्यापारी, दलाल, आढ़तिए और हम्माल मंडी की ओर दौड़ पड़े। लगभग रात 10 से 11 के बीच चोइथराम मंडी में जमकर अफरा-तफरी का माहौल रहा। चूंकि आदेश देर शाम आया और लगभग शाम 5-6 बजे से ही मंडियों में फल-सब्जियों की आवक शुरू हो भी चुकी थी। प्रशासनिक आदेश आने के पूर्व ही लगभग 30 से 40 गाडिय़ां लेकर किसान मंडी पहुंच भी चुके थे। बाद में पुलिस को इन्हें उलटे पैर रवाना भी करना पड़ा। वहीं आधी रात तक सब्जी विक्रेता अपनी सब्जियों को बेचते भी नजर आए और देर रात तक चहल-पहल रही।
इंदौर की जनता को इस बात का अंदाजा नहीं था कि अब प्रशासन इस तरह के सख्त कदम उठाएगा, क्योंकि रोजाना मिलने वाले संक्रमितों का आंकड़ा प्रतिदिन कम हो रहा था और लोगों को उम्मीद थी कि अब प्रशासन छूट में धीरे-धीरे राहत दे सकता है। इधर लोगों के अंदाजे तब धराशायी हो गए जब जिला प्रशासन ने अपने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए गुरुवार रात नया आदेश जारी कर दिया। इसमें 21 मई से 28 मई तक सभी किराना और ग्रॉसरी की दुकानें बंद रहेंगी। इसके साथ फल और सब्जी भी नहीं बेची जाएगी। चोइथराम मंडी से भी फल व सब्जी का विक्रय नहीं होगा। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) की मानें तो इंदौर में कोरोना संक्रमण काबू में आ रहा है और इसे 30 तारीख तक काबू में करने के लिए कुछ कड़े निर्णय लेना पड़ रहे हैं। हालांकि ऑनलाइन राशन सप्लाई करने वाली चेन को इस सख्ती में राहत दी गई है। इधर चोइथराम सब्जी मंडी की बात करें तो किसान कल रात करीब 8 बजे बाद जैसे ही अपनी फल-सब्जी की गाडिय़ां मंडी के मेन गेट से अंदर ले जाने लगे, तभी पुलिस जवानों और तैनात निगमकर्मियों ने रोक दिया और यह कहते हुए प्रवेश की मनाही कर दी कि 28 तक फल-सब्जी मंडी पूरी तरह बंद रहेगी। मजे की बात तो यह है कि कुछ व्यापारियों को फोन कर किसानों ने मंडी बंद की खबर दी तो वे हक्के-बक्के रह गए, क्योंकि उन्होंने सौदेबाजी के लिए तगड़ा माल किसानों से बुलवा लिया था। मंडी से जुड़े लोगों की मानें तो मंडियों में वैसे तो 24 घंटे गाडिय़ों की आवाजाही बनी रहती है, पर गर्मी के चलते दोपहर में मंडी इन दिनों सूनी पड़ी रहती है और माल की आवक 5 बजे के बाद शुरू होती है। प्रशासन का आदेश आता उसके पूर्व ही 5 बजे से शाम 7-8 बजे तक ही किसान 30 से 40 गाडिय़ां लेकर मंडी पहुंच चुके थे। बाद में आदेश निकलते ही पुलिसिया सायरन बजा और मंडी में खड़ी गाडिय़ों को जहां पुलिस ने बाहर निकलवाया, वहीं जो गाडिय़ां अंदर आने के लिए खड़ी थीं, उन्हें उलटे पैर लौटा दिया। इधर फल और सब्जी मंडियों के अध्यक्षों को प्रशासन ने इस आशय के आदेश जैसे भेजे, वैसे ही उन्होंने वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से व्यापारियों को आगाह कर दिया कि कल से चोइथराम फल-सब्जी मंडी 28 मई तक बंद रहेगी और प्रशासन ने रात 11 बजे तक की छूट दी है, ताकि व्यापारी-दुकानदार पुराना माल मंडी में से निकाल सकें। यह सुनते ही व्यापारी, दलाल, आढतियों से लेकर हम्माल तक मंडियों की ओर भाग पड़े।
तडक़े निरंजनपुर मंडी पहुंचे खरीदारों को पुलिस ने खदेड़ा
संपूर्ण लॉकडाउन के बाद भी आज तडक़े निरंजनपुर मंडी (Niranjanpur Mandi) में खरीदार सब्जियां खरीदने पहुंच गए, जिन्हें पुलिस ने बाहर से ही खदेड़ दिया। कुछ लोग बहस करने लगे, जिन्हें डंडे भी खाने पड़े। पुलिस की सख्ती देख कई लोग तो एबी रोड से ही वापस लौट आए। उधर, चोइथराम मंडी में रात 2 बजे तक व्यापारियों ने माल उठाया। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) द्वारा लॉकडाउन लगाने के बाद व्यापारियों ने अफसरों से गुहार लगाई कि हरी सब्जियां व फल खराब हो जाएंगे, इसलिए हमें माल उठाने का एक मौका दिया जाए। इसके बाद अधिकारियों ने कहा कि जिन व्यापारियों का कच्चा माल है वे उठा लें। इसके बाद मंडी में व्यापारी पहुंच गए और गाडिय़ों में भरकर जो कच्ची सब्जियां व फल थे, उठाकर घर लाए। तकरीबन रात 2 से ढाई बजे तक सभी व्यापारी कच्चा माल उठाने में लगे रहे। इस दौरान आम जनता, ठेले वाले और फुटकर विक्रेता भी बड़ी संख्या में मंडी पहुंच गए थे, जिन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। मंडी निरीक्षक अंतर सिंह ने बताया कि जिन व्यापारियों की मंडी में दुकानें हैं और कच्चे माल का स्टाक था, उन्हें ही अंदर जाने दिया गया और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर उनका माल वापस गाड़ी में लोड करवाकर रवाना किया गया।
सुबह से मंडी में सन्नाटा, मालवा मिल, पाटनीपुरा सहित अन्य छोटी मंडियों में भी केवल पुलिस की टीम तैनात
चोइथराम मंडी (Choitharam Mandi) में आज सुबह से सन्नाटा है। कोई भी व्यापारी व खरीदार या आम जनता सब्जी खरीदने के लिए नहीं आई है। सभी को रात को ही पता चल गया, इसलिए आज सुबह केवल मंडी प्रशासन के कर्मचारी गेट पर तैनात हैं। इसके अलावा मालवा मिल और पाटनीपुरा सहित अन्य खेरची मंडियों में भी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में तैनात है। आम जनता खरीदारी करने नहीं पहुंची है। इसके अलावा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम भी राजेंद्रनगर व आसपास के इलाकों में जाकर अनाउंस कर लोगों से अपने घर में रहने की अपील कर रही है।
खड़े रह गए सब्जी-फल के ट्रक, दूसरे जिलों में पहुंचाए
कल रात को अचानक जिला प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश के बाद फल-सब्जी के बड़े विक्रेताओं में हड़क़म्प मच गया। चोइथराम मंडी (Choitharam Mandi) में नीलामी के लिए रात से ही गाडिय़ां आना शुरू हो जात है। इनमें कई गाडिय़ां तो दूसरे प्रदेशों के जिलों से आती हैं। वे सभी आकर खड़ी हो गई थीं, लेकिन जैसे ही आदेश की जानकारी लगी तो वे भी भौचक रह गए। हालांकि कुछ ने मौके की स्थिति देखकर अपनी गाडिय़ां दूसरे जिलों की मंडियों में भिजवाना उचित समझा।
इन्दौर में दक्षिण भारत और उत्तरप्रदेश से भी फलों की आपूर्ति होती हैं। वहीं सब्जियों के मामले में प्रदेश के दूसरे जिलों से बड़ी मात्रा में सब्जियां आती हैं। चोइथराम मंडी इसका मुख्य विक्रय केन्द्र है, जहां बड़ी मंडी लगती है, वहीं निरंजनपुर में इन्दौर के आसपास के गांवों से आई सब्जियां बेची जाती हैं। चूंकि अब 28 मई तक जिला प्रशासन ने फल-सब्जी बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कल रात जैसे ही यह आदेश जारी हुआ, वैसे ही बड़े सब्जी व्यापारी भौचक रह गए, क्योंकि अधिकांश गाडिय़ां आकर बायपास पर खड़ी हो गई थी और सुबह इन्हें मंडी में आना था। मंडी के व्यापारियों से बाहर के व्यापारियों ने संपर्क किया, लेकिन मालूम पड़ा कि किसी भी तरह से अब यहां माल नहीं बेचा जा सकता है। सब्जियां और फल एक-दो दिन में खराब हो जाते हैं। इसको लेकर व्यापारियों ने अपना माल दूसरे जिलों की मंडियों में ले जाना ही उचित समझा और रात को ट्रक दूसरे जिलों के लिए रवाना कर दिए गए। चोइथराम मंडी (Choitharam Mandi) के व्यापारियों का कहना है कि गोदामों में भी फल बड़ी मात्रा में रखे हुए हैं, जो आठ दिन में खराब हो जाएंगे, अब इनका क्या करें? इसी को लेकर कुछ व्यापारी प्रशासन से बात करने वाले हैं कि वे अपने फल दूसरे जिलों में पहुंचा दे, ताकि उनका नुकसान नहीं हो।
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