नई दिल्ली। आप की रसोई (kitchen ) पर पड़ रही महंगाई की मार में मसाले भी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इस साल मसालों की कीमत (spices prices) में अभी तक 40 फीसदी से अधिक का उछाल आ चुका है। आने वाले दिनों में इसमें और भी ज्यादा तेजी होने की संभावना जताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल देश में सभी तरह के मसालों की कीमत में गिरावट आई थी। नवंबर और दिसंबर के बीच लगातार दो महीने जीरे के भाव 7 फीसदी से ज्यादा गिर गए थे, जबकि अक्टूबर से दिसंबर के दौरान धनिया के भाव में 8 फीसदी तक की कमी आई थी। इस दौरान हल्दी के भाव में भी करीब 5 फीसदी की गिरावट हुई थी, लेकिन जनवरी से लेकर अभी तक ढाई महीने की अवधि में मसालों में ओवरऑल 40 फीसदी तक की तेजी आ चुकी है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में सालाना 110 लाख टन मसालों की खपत होती है लेकिन भारत में उत्पादन जरूरत की तुलना में कम होता है। मसाला बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019-20 में देश में 94.1 लाख टन मसालों का उत्पादन हुआ था, जबकि 2018-19 में ये उत्पादन 91.9 लाख टन का था। उत्पादन में बढ़ोतरी होने के बावजूद देश भर में मसालों की खेती का रकबा 5 से 10 फीसदी तक कम हो गया है। इससे कीमतों को रफ्तार मिली है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में हो रहे मसालों के निर्यात में आई तेजी का असर भी घरेलू बाजार में मसाले की कीमत पर पड़ा है।
बाजार के जानकारों का यह भी कहना है कि सितंबर और अक्टूबर के दौरान आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के निवाड़ क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश ने भी मसाले की फसल को नुकसान पहुंचाया था। ऐसे में घरेलू बाजार में मांग के मुताबिक इनकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिसके कारण मसालों की कीमत में अभी तेजी बने रहने की उम्मीद है।
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