मरीजों की संख्या घटने का असर… अस्पतालों से लेकर श्मशान और कब्रिस्तानों में भी अब राहत
इंदौर। कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट के चलते अब जहां अस्पतालों में बेड आसानी से मिलने लगे, तो ऑक्सीजन (Oxygen)-इंजेक्शन का भी टोटा खत्म हो गया है। 40 फीसदी तक ऑक्सीजन (Oxygen) की खपत घट गई है, तो ब्लैक में बिकने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो गए हैं। अलबत्ता ब्लैक फंगस (Black fungus) के इंजेक्शनों की अवश्य जबरदस्त मारामारी मची है।
अप्रैल का महीना देश के साथ-साथ इंदौरियों पर भी भारी बीता है, जब बेड, ऑक्सीजन (Oxygen), इंजेक्शनों के लिए मरीजों के परिजनों को जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा और कई मौतें तो इनके अभाव में ही हो गई। हालांकि इंदौर के प्रशासनिक अफसरों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति में रात-रातभर जागकर सराहनीय काम किया और यही कारण रहा कि देश के बड़े शहरों में भी ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी के चलते कई मौतें हुई, लेकिन इंदौर में यह स्थिति नहीं आई। 130 टन तक ऑक्सीजन की खपत पहुंच गई थी, जिसमें अब 40 फीसदी तक की गिरावट आ गई है। वर्तमान में उपचारतरत मरीजों की संख्या घटकर 7162 पर पहुंच गई। श्मशानों-कब्रिस्तानों में भी वेटिंग चल रही थी, वहां भी अब बड़ी राहत है और आसानी से अंतिम संस्कार हो रहा है। 40-50 हजार रुपए तक बिकने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शनों (Remedisvir Injection) की भरपूर आवक हो गई और हजारों इंजेक्शन इंदौर में उपलब्ध हैं।
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