उज्जैन। शहर में नेता अधिकारियों की फौज मौजूद हैं और कई राजनैतिक दल हैं लेकिन वे गरीब परिवारों के आशियाने को उजडऩे से नहीं बचा सकते… मौका आने पर फोन बंद कर लेते हैं.. पुलिस बल की मौजूद अंग्रेजी शासनकाल के सिपाहियों की याद दिला रही है और ऐसा लगता है कि गरीब तथा कमजोर वर्ग के लिए आज भी देश आजादी का इंतजार कर रहा है..। बिनोद मिल परिसर में मकान तोडऩे का काम जारी है। बिनोद मिल की चाल से कल 160 में से 30 मकानों को तोडऩे की कार्रवाईसुबह से शुरू हो गई थी। शाम तक यहां एक-एक कर चिह्नित मकानों के हिस्सों को तोड़ा गया। अधिकारियों के अनुसार तोड़े गए 30 मकानों के स्थान को आज समतल किया जाएगा। वहीं इसके बाद चाल की पीछे वाली पट्टी के 40 और चिह्नित मकानों को हटाने की तैयारी चल रही है। आज भी क्षेत्र में पुलिस बल लगा नजर आ रहा था। 40 मकानों को रहवासियों ने आज सुबह से खाली करने के लिए अपना सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया था।
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