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    पटरी पार के 40 मकानों को आज तोड़ेंगे, बेघर हुए मिल श्रमिक परिवार

  • December 04, 2022

    उज्जैन। शहर में नेता अधिकारियों की फौज मौजूद हैं और कई राजनैतिक दल हैं लेकिन वे गरीब परिवारों के आशियाने को उजडऩे से नहीं बचा सकते… मौका आने पर फोन बंद कर लेते हैं.. पुलिस बल की मौजूद अंग्रेजी शासनकाल के सिपाहियों की याद दिला रही है और ऐसा लगता है कि गरीब तथा कमजोर वर्ग के लिए आज भी देश आजादी का इंतजार कर रहा है..। बिनोद मिल परिसर में मकान तोडऩे का काम जारी है। बिनोद मिल की चाल से कल 160 में से 30 मकानों को तोडऩे की कार्रवाईसुबह से शुरू हो गई थी। शाम तक यहां एक-एक कर चिह्नित मकानों के हिस्सों को तोड़ा गया। अधिकारियों के अनुसार तोड़े गए 30 मकानों के स्थान को आज समतल किया जाएगा। वहीं इसके बाद चाल की पीछे वाली पट्टी के 40 और चिह्नित मकानों को हटाने की तैयारी चल रही है। आज भी क्षेत्र में पुलिस बल लगा नजर आ रहा था। 40 मकानों को रहवासियों ने आज सुबह से खाली करने के लिए अपना सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया था।



    आज भी बिनोद मिल की चाल में कई लोडिंग वाहन में घरों का सामान ले जाते नजर आ रहे थे। अधिकारियों के अनुसार जैसे ही पीछे की पट्टी के यह मकान पूरी तरह खाली हो जाएंगे वैसे ही इन्हें तोडऩे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। संभावना है कि 40 मकानों को खाली कराने में आज पूरा दिन लग सकता है। कुल मिलाकर आज दोपहर बाद या फिर कल सुबह इन मकानों को तोडऩे की कार्रवाई अधिकारी शुरू कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि बिनोद मिल की चाल से मकान तोडऩे की कार्रवाई कल से शुरू हो गई थी और इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारी 5 जेसीबी, फायर ब्रिगेड की 1 दमकल के अलावा 5 डंपर और ट्रैक्टर ट्रॉली आदि लेकर पहुंचे थे। आज भी सुबह से क्षेत्र में पुलिस बल लगा हुआ है और लोग एक-एक कर अपने मकान खाली करने में लगे हुए हैं।

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