नई दिल्ली । पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को देश के 8 समुद्र तटों पर वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग फहराया। भारत ने अक्टूबर को इन समुद्र तटों के लिए अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त किया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मान के निर्णायक सदस्य संगठनों में यूनईपी, यूनेस्को, आईयूसीएन शामिल हैं। ब्लू फ्लैग प्रमाणन 33 कड़े मानदंडों के आधार पर ‘डेनमार्क में पर्यावरण शिक्षा के उत्थान के लिए बनाए गए फाउंडेशन’ द्वारा मान्यता प्राप्त एक विश्व स्तर का ईको-लेबल है।
इस मौके पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि समुद्री तटों की सफाई को सिर्फ सौंदर्य और पर्यटन की संभावनाओं से ही नहीं जोड़ कर देखा जाना चाहिए बल्कि इसे एक जनआंदोलन बनाना चाहिए। ताकि समुद्री कूड़े के खतरे को कम किया जा सके और तटीय पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाले 3-4 सालों में इस तरह के 100 और समुद्र तटों को इस अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित होने के लिए तैयार किया जाएगा।
बता दें कि ब्लू फ्लैग से सम्मानित भारत के आठ समुद्री तट गुजरात का शिवराजपुर बीच, दीयु का घोघला, कर्नाटक का कासरकोड व पदुबिद्री, केरल का कप्पड, आंध्र प्रदेश का रुषिकोंडा, ओडिशा का गोल्डन और अंडमान व निकोबार का राधानगर तट है। मंत्रालय ने समुद्री किनारों को साफ सुथरा करने के मकसद से बीच एनवायरमेंट एंड एस्थेटिक मैनेजमेंट सर्विसेज (बीइएएमएस) कार्यक्रम जून 2018 में शुरू किया था। मौजूदा समय में इस कार्यक्रम के तहत 10 राज्यों के समुद्री तटों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित किया जा रहा है।
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