78 कोचों में 1200 मरीजों का इलाज संभव
इंदौर। कोरोना संक्रमण (Corona infection) के दौर में जहां संक्रमित मरीजों को बेड (Beds) की परेशानी चल रही है परिजन इस अस्पताल से उस अस्पताल तक बदहवास दौड़ रहे हैं। रेलवे ने गत वर्ष से ही चार ट्रेनों (trains) को आइसोलेशन (isolation) के लिए तैयार कर रखा है जिनमें 12 सौ के लगभग मरीजों (patients) को रखा जा सकता है इसके साथ में मेडिकल स्टाफ (medical staff) भी हर डिब्बे में रखने की व्यवस्था बनाई गई थी। आज से भोपाल में भी आइसोलेशन (isolation) ट्रेन ने काम शुरू कर दिया है।
एक साल पहले से ही तैयार पड़े हैं कोच… ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए क्लेम्प भी लगाए
पश्चिम रेलवे (western railways) के पीआरओ जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि ट्रेन के 78 कोच को पिछले वर्ष ही आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था। उसके बाद से ही ये आइसोलेशन (isolation) वार्ड रेलवे के लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन और पालिया स्टेशन पर ही हैं, जबकि रेलवे द्वारा इस आइसोलेशन वार्ड को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को ऑफिशियल हैंडओवर भी कर दिया गया था। इन कोचों में ऑक्सीजन (Oxygen) की भी व्यवस्था की गई है, लेकिन रेलवे से अब तक आइसोलेशन (isolation) वार्ड की मांग नहीं की गई है। दरअसल रेलवे के पास मेडिकल स्टाफ नहीं होने से इनका उपयोग नहीं हो सका अगर इन कोचेस का आइसोलेशन (isolation) में उपयोग करना है तो मेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराना होगा । वहीं पीआरओ ने यह भी दावा किया कि चार ट्रेने तैयार है, आदेश मिलते ही 1 घंटे में व्यवस्थाओं को फिर से चाक-चौबंद किया जा सकता है।
एक डिब्बे में 18 मरीज
पीआरओ जयंत ने बताया कि कोच के प्रत्येक कैबिन में दो बेड हैं। इस प्रकार एक डब्बे में 18 मरीजों को रखा जा सकता है. कोच में आइसोलेशन (isolation) वार्ड की तरह तीन डस्टबिन भी रखे गए हैं। साथ ही प्लास्टिक के पर्दे लगे हैं और ऑक्सीजन (Oxygen) सिलेंडर के लिए क्लैंप भी हैं।
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