30 लाख रुपए से अधिक की राशि उद्योगपति ने खर्च की… इन्दौर का दबाव कम होगा… आस-पास के जिलों को भी मिलेगी राहत
इंदौर। ऑक्सीजन (Oxygen) की लगातार मारामारी चल रही है। यही कारण है कि अस्पतालों ने बेड बढ़ाने और एडमिशन देना कम कर दिए, क्योंकि वर्तमान में भर्ती मरीजों के लिए ही आपूर्ति सुगम नहीं हुई है, लेकिन एक सुकून देने वाली खबर यह भी है कि आज से पीथमपुर (Pithampur) स्थित मित्तल इंडस्ट्रीज (Mittal Industries) में पिछले चार साल से बंद पड़े प्लांट को रात-दिन मेहनत कर चालू कर दिया है और यहां से लगभग 4 हजार सिलेंडरों (Cylinders) की जुगाड़ हो जाएगी। रोजाना लगभग 35 टन मिलने वाली इस ऑक्सीजन(Oxygen) से इंदौर का दबाव तो कम होगा ही, वहीं आसपास के जिलों को भी राहत मिलेगी। इंदौर में अभी 125 मैट्रिक टन से अधिक रोजाना खपत हो रही है, जिसकी पूर्ति को कायम रखने के लिए रात-रातभर अधिकारी जाग रहे हैं और हर तरफ से ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। यहां स्थित छोटे प्लांट से अभी लगभग 1 हजार सिलेंडर पिछले कई दिनों से मिल भी रहे हैं। इस प्लांट के मालिक ने 30 लाख रुपए से अधिक की राशि इस पर खर्च भी की।
देशभर में ऑक्सीजन (Oxygen) का हाहाकार मचा हुआ है और केन्द्र सरकार की नींद भी कई मरीजों की मौत हो जाने के बाद देरी से खुली और अब ताबड़तोड़ देशभर के स्टील इंडस्ट्रीज से लेकर अन्य उद्योगों से ऑक्सीजन लेने के साथ-साथ विदेशों से भी बुलवाई जा रही है। इंदौर में बीते कई दिनों से पूरी प्रशासनिक मशीनरी ऑक्सीजन आपूर्ति में रात-दिन भिड़ी है, जिसके चलते अभी तक देश के अन्य हिस्सों की तरह हाहाकार नहीं मचा। पीथमपुर (Pithampur) के मित्तल इंडस्ट्रीज से अभी एक हजार सिलेंडर मिल रहे हैं और वहीं चार साल से बड़ा प्लांट बंद पड़ा था। जब इसकी जानकारी कलेक्टर मनीष सिंह को लगी तो उन्होंने उसे शुरू करवाने का निर्णय लिया और इस इंडस्ट्रीज के मालिक करण मित्तल ने रात-दिन मजदूरों को जुटाकर देशभर में जहां भी पार्ट उपलब्ध हों, मंगवाकर इस प्लांट को 10 से 12 दिन में तैयार कर दिया। एकेवीएन के प्रबंध निदेशक रोहन सक्सेना भी लगातार इस प्लांट को चालू करवाने में जुटे रहे। अब उनका कहना है कि आज से ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा और लगभग 4 हजार सिलेंडर-ऑक्सीजन मिलेगी। 30 से 35 टन की आपूर्ति यहां से होने से इंदौर के जो ऑक्सीजन रिफील सेंटर हैं उन पर भी दबाव कम होगा, क्योंकि आसपास के जिलों में भी इन सेंटरों से ही सिलेंडर भरवाकर भेजे जा रहे हैं। इसके चलते इन जिलों में भर्ती मरीजों का इंदौर आना भी कम होगा। वहीं शहर के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति में भी बड़ी मदद मिलेगी। इस प्लांट के मालिक करण मित्तल ने जहां 30 लाख रुपए खर्च किए, वहीं ऑक्सीजन भी नि:शुल्क उपलब्ध करा रहे हैं।
वायु सेना लगातार ले जा रही खाली टैंकर
जाम नगर और अन्य स्थानों से ऑक्सीजन (Oxygen) के टैंकर (Tanker) इंदौर आ रहे हैं। वायु सेना (Air Force) का विमान इन खाली टैंकरों को ले जा रहा हैं, उससे सडक़ मार्ग से जाने का समय बचने लगा है। ये सभी टैंकर जाम नगर भेजे जा रहे हैं। कल भी दोपहर और शाम को इंदौर एयरपोर्ट से वायुसेना के एयरक्राफ्ट ने एक-एक टैंकरों को जाम नगर पहुंचाया और रात में साढ़े 8 बजे फिर दो और खाली टैंकर भेजे गए। पिछले तीन दिनों से यह काम चल रहा है। उससे भरे टैंकरों की वापसी का समय भी घट गया है। प्रदेश के कई हिस्सों में वायु सेना से यह सेवा शुरू कराई गई है।
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