एटीएस की एक हफ्ते में इंदौर में दूसरी बड़ी कार्रवाई…
15 दिन पहले ही जिलाबदर कटी, 6 अपराध दर्ज हैं सईद पर, टेलरिंग के साथ संगठन के प्रचार में जुटा था यूसुफ
इंदौर। टेरर फंडिंग मामले में एनआईए (NIA) के बाद अब एटीएस (ATS) ने प्रदेश के पांच शहरों में देर रात से सुबह तक छापामार कार्रवाई कर कई लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें इंदौर से पीएफआई और एसडीपीआई के पूर्व जिला अध्यक्ष सईद टेलर (Saeed Taylor, former district president of SDPI) सहित अन्य भी शामिल हैं।
कल रात को एटीएस (ATS) ने इंदौर पुलिस (Indore Police) से संपर्क कर जिन थाना क्षेत्रों में पीएफआई से जुड़े लोग रहते थे, उस थाना क्षेत्र के जवानों को साथ लेकर दबिश दी और पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे सईद टेलर सहित यूसुफ नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया। सईद टेलर के बारे में पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि उस पर छत्रीपुरा में 3, सेंट्रल कोतवाली, एमजी रोड और सराफा थाने में एक-एक आपराधिक प्रकरण दर्ज है। उस पर चूड़ीवाला कांड के बाद भी लोगों को उकसाने का आरोप लगा था, जिसके बाद छत्रीपुरा टीआई पवन सिंघल ने उसके खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई का प्रतिवेदन भेजा था। 15 दिन पहले ही वह जिलाबदर काटकर आया था। उसके खिलाफ छत्रीपुरा पुलिस सख्त हुई तो उसने चंदूवाला गली में अपनी टेलर की दुकान खोली और यहीं से गतिविधियां भी करने लगा। टेलर को छत्रीपुरा पुलिस ने गुंडा लिस्ट में भी शामिल किया है। एटीएस की टीम चंदन नगर पुलिस की मदद से चंदूवाला गली में पहुंची और टेलर को गिरफ्तार किया। वहीं एक अन्य यूसुफ की गिरफ्तारी होना बताई जा रही है। सूत्र यह बता रहे हैं कि वसीम, दानिश और तौसिफ के घर भी एटीएस गई थी।
इंदौर से गिरफ्तार पदाधिकारियों की निशानदेही पर हुई गिरफ्तारी
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों एनआईए की टीम ने छीपा बाखल और आजाद नगर क्षेत्र से पीएफआई से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया और दिल्ली लेकर गए थे। आशंका है कि उनकी निशानदेही पर ही इन लोगों के नाम सामने आए और उन्हें गिरफ्तार किया गया।
अखाड़ों में घुसपैठ की फिराक में था पीएफआई संगठन
पीएफआई के पकड़े गए कार्यकर्ता अखाड़ों के माध्यम से लोगों को ट्रेनिंग देने की फिराक में थे। इंदौर और उज्जैन के अखाड़ों में घुसपैठ की जानकारी के बाद अब इंटेलिजेंस विंग बीस से अधिक अखाड़ों की जानकारी जुटा रही है। एनआईए और ईडी ने पहले चरण में देशभर में केवल पदाधिकारियों को ही पकड़ा गया है। अब इनके फॉलोअर पर नजर रखी जा रही है। इंदौर से पकड़ाए तीन लोगों के कई फॉलोअर भी सामने आए हैं। इनमें से कुछ तो छापे के बाद अपनी दुकान बंद कर शहर से फरार हो गए हैं। विंग को पता चला है कि ये लोग यूं तो श्योपुर और कोटा में ट्रेनिंग कैंप बनाने की तैयारी में थे, लेकिन इंदौर और उज्जैन में अखाड़ों के माध्यम से प्रारंभिक ट्रेनिंग की योजना बना रहे थे, क्योंकि इंदौर में ट्रेनिंग के लिए जंगल नहीं था। पहले सिमी के चोरल में ट्रेनिंग कैंप लगाने की बात सामने आई थी। इसके चलते वहां अब पुलिस की नजर रहती है। इसलिए ये लोग अखाड़ों में घुसपैठ करने की फिराक में थे। इंटेलिजेंस विंग ऐसे लगभग बीस अखाड़ों की जानकारी जुटाने में लगी है।
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