सुखलिया, राजेन्द्र नगर, खजराना और सुदामा नगर
इंदौर। शासन के निर्देश हैं कि जहां ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे हैं वहां माइक्रो कंटेनमेंट झोन (Micro Containment Zone) बनाए जाएं। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने 4 माइक्रो कंटेनमेंट झोन बनाने के निर्देश दिए, जो सुखलिया (Sukhaliya), राजेन्द्र नगर (Rajendra Nagar), खजराना (Khajrana) और सुदामा नगर (Sudama Nagar) में आज बनाए जा रहे हैं, जहां बेरिकेटिंग (Barricating) के साथ पुलिस जवान (Police Jawan) तैनात रहेंगे।
गत वर्ष जब कोरोना का खौफ ज्यादा था तब किसी कालोनी या बिल्डिंग में एक भी मरीज मिलने पर बेरिकेटिंग के साथ एरिये को सील कर दिया जाता था, लेकिन उसके बाद होम आइसोलेशन की सुविधा मिलने के चलते ये सख्ती बंद कर दी गई। अभी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कोरोना (Corona) की वर्तमान स्थिति को लेकर जो समीक्षा की उसमें इंदौर ( Indore), भोपाल ( Bhopal) सहित जिन जिलों में अधिक मरीज मिल रहे हैं वहां माइक्रो कंटेनमेंट झोन (Micro Containment Zone) बनाने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए, जिसके चलते आज कलेक्टर मनीष सिंह ने 4 माइक्रो कंटेनमेंट झोन घोषित करने का निर्णय लिया, जहां लगातार अधिक कोरोना मरीज मिल रहे हैं और ये हॉटस्पॉट बने हुए हैं। आज एसडीएम की टीम इन क्षेत्रों में किस तरह से बेरिकेटिंग करनी है उसका निर्णय लेगी। राजेन्द्र नगर, सुदामा नगर, सुखलिया और खजराना में माइक्रो कंटेनमेंट झोन बनाए जा रहे हैं। हालांकि आवश्यक सेवाओं को चालू रखा जाएगा और बेरिकेटिंग भी इस तरह से नहीं होगी कि ये पूरे एरिया बंद कर दिए जाएं। अलबत्ता फिजुल की आवाजाही और वाहनों का प्रवेश सीमित किया जाएगा। पुलिस जवान भी तैनात रहेंगे और सैम्पलिंग, सर्वे भी इन इलाकों में बढ़ाया जाएगा।
लॉकडाउन के पक्ष में नहीं रहे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) पूरे लॉकडाउन (Lockdown) के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। लिहाजा अभी रविवार का ही लॉकडाउन रखा गया है और रात 9 से सुबह 6 तक रात्रिकालीन कफ्र्यू ही जारी रखा गया है। महाराष्ट्र की सीमाएं सील करने और बसों के संचालन के साथ मेले, जुलूस, गेर, चल समारोह और अन्य पर भी रोक लगाई गई है। मुख्यमंत्री ने इंदौर में होम आइसोलेशन व्यवस्था को कारगर बताया, जहां 90 फीसदी संक्रमित मरीजों का घरों में ही इलाज चल रहा है। वहीं वैक्सीनेशन शिविर भी लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
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