- रोजाना दाँतों की शिकायत लेकर आते हैं 20 नए मरीज-जाँच के लिए पड़ती है एक्सरे की जरूरत
उज्जैन। शासकीय जिला अस्पताल के दाँत विभाग में इलाज करवाने आ रहे मरीजों को एक्सरे की सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। अस्पताल में रोजाना 20 से अधिक नए मरीज आते हैं लेकिन एक्सरे करवाने के लिए उन्हें बाहर जाना पड़ रहा है। बड़ा सवाल यह है कि जिला अस्पताल में चार एक्सरे मशीन मौजूद है तो दाँत के एक्सरे की सुविधा क्यों नहीं मिल पा रही हैं?
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में आधुनिक डिजिटल 4 एक्सरे मशीन लगी हैं, जिसमें दांतों का डिजिटल एक्सरे हो सकता है लेकिन आज भी दाँतों के मरीजों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। यहाँ आने वाले अधिकांश मरीजों को दांतों की मजबूती देखने के लिए शुरुआत में एक्सरे लिखा जाता है लेकिन जाँच के लिए मरीज को बाहर भेजा जा रहा है। इसके अलावा अस्पताल में पहले से इलाज करवा रहे मरीजों को दाँत एक्सरे करवाने की जरूरत होती है लेकिन अस्पताल की चारों मशीनों में से एक में भी दाँत की फैकल्टी मौजूद नहीं है। इस व्यवस्था के अभाव में दाँत चैक कराने के लिए मरीजों को 500 से 1000 रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं। मामले में दाँत विभाग से जुड़े डॉक्टरों का कहना हैं कि इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को कई बार पत्र लिखा गया है। बावजूद उनके द्वारा एक भी एक्स-रे मशीन पर दाँत के एक्सरे की व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि यहाँ चार आधुनिक एक्सरे मशीन मौजूद हैं और दाँत का एक्सरे यहाँ आसानी से शुरू किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में दांत के लिए उज्जैन के मरीजों को बाहर से एक्सरे करवाने के लिए भेजा जाता है।
दवाओं के लिए भी परेशान हो रहे मरीज
मरीजों की माने तो अस्पताल में दांतों से संबंधित सामान्य दवाओं के लिए भी मरीज को परेशान होना पड़ता है। इसके अलावा दूसरी कई दवाएँ हैं जिसके लिए मरीज को लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं प्रशासन का कहना है कि कुछ कारणों से दवाओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है। हालांकि समय-समय पर दवाओं की आपूर्ति को सामान्य करने का प्रयास किया जाता है।