जलकर के पौने दो लाख और कचरा प्रबंधन के
700 करोड़ से ज्यादा की राशि पहले से बकाया है, 65 करोड़ कचरा प्रबंधन शुल्क के भी वसूले जाना हंै
इन्दौर। नगर निगम (Municipal corporation) ने कचरा प्रबंधन शुल्क (waste management fee), जलकर दोगुना कर (double tax) सीवरेज (sewerage) का नया कर शहर के लोगों पर लाद दिया। शुरुआती दौर में ही इसका विरोध शुरू हो गया है। नगर निगम का जलकर का 300 करोड़, सम्पत्तिकर का 400 करोड़ और कचरा प्रबंधन शुल्क का 65 करोड़ का शुल्क लाखों खातेदारों से वसूला जाना है।
हालांकि कई महीनों पहले से जलकर और कचरा प्रबंधन शुल्क की राशि बढ़ाए जाने की तैयारियां चल रही थीं। आला अफसरों की टीम इसका प्रस्ताव तैयार कर चुकी थी और प्रारंभिक सहमति के बाद इसे भोपाल (Bhopal) भेज दिया गया। दरें बढ़ाए जाने की जानकारी लोगों को थी, लेकिन इतनी बढ़ा दी जाएगी यह एकदम लोगों के गले नहीं उतर रहा है। अब तक कचरे से करोड़ों की कमाई कर रहे निगम ने शहर में कई प्लांट बनाए और वहां सीएनजी से लेकर खाद बनाकर किसानों को बेची जा रही है। वहीं वेस्ट प्लास्टिक (waste plastic) से ईंटें बनाने के साथ-साथ कई सामग्रियां बनाई जा रही हैं। पिछले कुछ सालों से नगर निगम को जलकर और सम्पत्तिकर वसूलने में ही पसीने आ रहे हैं और राजस्व विभाग के रिकॉर्ड पर गौर करें तो जलकर के 300 करोड़ रुपए शहर के पौने दो लाख खाताधारकों पर बाकी हैं। वहीं 6 लाख खाताधारकों पर 400 करोड़ का सम्पत्तिकर बाकी है। इसके साथ-साथ कचरा प्रबंधन शुल्क का 65 करोड़ रुपए भी 4 लाख खाताधारकों (account holders) पर बाकी है। कई पूर्व पार्षदों के साथ रहवासी संघों ने भी नई दरों का विरोध करते हुए सीवरेज का नया कर लगाने को गलत बताया है। आने वाले दो-चार दिनों में इस मामले को लेकर लोग मैदान संभालने की तैयारी में जुटे हैं।
31 मार्च के चलते सुबह से खुले काउंटर
नगर निगम ने आज सभी 19 झोनल कार्यालयों से लेकर मुख्यालय पर सम्पत्तिकर और जलकर की बकाया राशि जमा करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। निगम अफसरों के मुताबिक 1 अप्रैल से 15 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा और उससे बचने के लिए आज बकाया राशि जमा की जा सकती है। देर रात तक निगम के कैश काउंटर खुले रहेंगे।
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