आगर मालवा। वर्तमान में वायरल, बुखार, सर्दी, खांसी, डेंगू जैसी बिमारी का प्रकोप चारों तरफ फैलता जा रहा है। नगरीय क्षेत्र से अब यह ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचकर ग्रामीणों को भी प्रभावित करने लगा है। ऐसे में मौसमी बीमारी के प्रभाव में आकर बड़ी संख्या में उपचार के लिए ग्रामीण जिला अस्पताल पहुंच रहे है। डेंगू के ही मामले ले लिए जाए तो बुधवार को एक बार फिर 4 मरीज डेंगू के मिले जिसमें दो आगर नगर के और एक सुसनेर एवं एक ग्राम मैना का मरीज सामने आया है। इनको मिलाकर अब डेंगू मरीज की संख्या जिले में 210 हो गई है। इसमें से आधे से अधिक तो आगर नगर के ही शामिल है। यहीं नहीं जिला अस्पताल में हो रही जांच के अलावा शहर की निजी पैथालाजी लेब पर भी प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में जांच की जा रही है, जिसमें भी डेंगू प्रभावित लोग मिल रहे हैं।
ऐसे में जिला अस्पताल की तरह निजी चिकित्सालयों में भी बड़ी संख्या में प्रभावित मरीज उपचार कराते देखे जा रहे है। जहाँ जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और मरीज अधिक होने से अस्पताल में बेड खाली नहीं हैं और जमीन पर बेड लगाकर उपचार कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं अस्पताल की ओपीडी भी पिछले कुछ दिनों से 500 के पार पहुंच रही है। बुधवार को भी यह ओपीडी 600 के पार पहुँच गई, जिसमें अधिकतर मरीज सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, उल्टी दस्त सहित अन्य मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीज शामिल है।
अब ग्रामीण क्षेत्र के अधिक मरीज
वायरल, बुखार, सर्दी, खांसी, डेंगू जैसी मौसमी बीमारी की चपेट में अब ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज अधिक प्रभावित होकर जिला अस्पताल में उपचार के लिए आ रहे है, ऐसे में जानकारों के अनुसार वायरल बुखार का वायरस धीरे धीरे अब ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश कर गया और इसका असर भी देखने को मिलने लगा है। यहीं कारण है कि मौषमी बिमारी के मरीजों में ग्रामीण क्षेत्र के मरीज अधिक संख्या में शामिल है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही लार्वा सर्वे
डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए स्वास्थ विभाग की टीम लगातार गांवो एवं नगरीय क्षेत्रों में लार्वा एवं फीवर सर्वें कर लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी रखने का संदेश दे रही है। टीम द्वारा मौके पर पानी की टंकियों, गमलों, आदि में मच्छर पैदा करने वाले लार्वा की सर्वे कर टेमोफास का छिड़काव कर नष्ट करने की कार्रवाई की गई। साथ ही टीम द्वारा मच्छर मारने हेतु पायरेथर्म का छिड़काव उक्त क्षेत्रों में किया गया।
घर-घर बीमार
मौसमी बीमारी की चपेट में वर्तमान में हर घर के लोग आ रहे हैं। अधिकतर घरों में रहकर ही उपचार करा रहे है तो अधिकतर निजी चिकित्सालयों में भी अपना उपचार कराते दिख रहे है।
डेंगू से बचाव के लिए आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ता डोर-टू-डोर जाकर दे जानकारी
मौसमी बीमारी डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के लिए आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ता गांवों में डोर-टू-डोर जाकर लोगों का जानकारी दें, कि अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, बारिश के पानी गड्ढों में जमा हो तो उसकी निकासी करें, घर की छत पर पुरानें बर्तन, टायर आदि में देखें की कहीं बारिश का पानी जमा तो नहीं है, हो तो उसे खाली करें। जिससे कि मच्छरों को लार्वा पैदा न हो। उक्त निर्देश गुरूवार को सुशासन टीम के सदस्यों ने गांवों के भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ताओं को दिए। टीम के सदस्यों ने कहा कि बुखार के मरीजों से सम्पर्क करते हुए उन्हें नजदीकी शासकीय चिकित्सालय में जाकर खून की जांच एवं उपचार कराने के लिए भेजें। स्वयं टीम के सदस्यों ने गांवों में लोगों को मौसमी बीमारियों को लेकर जागरूक करते हुए पूरी सावधानी बरतने के लिए कहा गया।
इनका कहना
2 डेंगू की रोकथाम के साथ मौसमी बीमारी ना फेले इसके लिए स्वास्थ्य विभग द्वारा लगातार सर्वे कर लोगों को समझाईश दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज अधिक संख्या में प्रभावित होने लगे है। हमारे द्वारा जिला अस्पताल के वार्डों में सुविधा के लिए आवश्यकतानुसार बेड भी बढ़ाए जा रहे है।
एसएस मालवीय सीएमएचओ
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