इंदौर। भूमाफियाओं की गिरफ्त में आई एक और दागी और चर्चित कल्पतरु गृह निर्माण संस्था के मामले में क्राइम ब्रांच ने बीते कई समय से फरार चल रहे 5 हजार के ईनामी आरोपी मिलन गिरी निवासी लोधीपुरा को गिरफ्तार कर लिया, जो कि पिछले दिनों ही जमानत पर रिहा हुए भूमाफिया मद्दा का सहयोग रहा है। संस्था के खाते में जमा हुए 4 करोड़ 89 लाख रुपए मद्दा के खातों में ट्रांसफर करवा दिए। इस मामले को लेकर अभी पुलिसिया पूछताछ में मिलन गिरी और भी कई राज उगलेगा, जिससे पता चलेगा कि इस हेर-फेर में और कौन लोग शामिल थे।
कल्पतरु गृह निर्माण संस्था के फर्जीवाड़े में ही दीपक जैन के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई थी और उसी में उसकी गिरफ्तारी भी क्राइम ब्रांच ने की और फिर ईडी ने भी कार्रवाई की, जिसके चलते सालभर से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा और अभी पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। कल्पतरु गृह निर्माण संस्था में गबन करने और हानि पहुंचाने के चलते ही सहकारिता विभाग के प्रशासक ने यह एफआईआर दर्ज कराई थी और इस मामले में जो आरोपी अभी मिलन गिरी पकड$़ाया है उसकी कुछ समय पूर्व कोर्ट ने अग्रिम जमानत के आवेदन को भी निरस्त कर दिया। पुलिस में की गई शिकायत के मुताबिक संस्था में 16 अगस्त 2017 को आखिरी बार चुनाव है, जिसमें अभी पकड़ाया मिलन गिरी भी संचालक बना और 11 अक्टूबर 2022 तक यह संचालक मंडल अस्तित्व में रहा।
उसके बाद सहकारिता विभाग के उप अंकेक्षक सुरेश भंडारी को प्रशासक बनाया गया। कल्पतरु संस्था में दीपक मद्दा भी शामिल रहा और संस्था की कनाडिय़ा स्थित सर्वे नम्बर 880, 882, 883 की 4.68 एकड़ जमीन भी संतोषी माता गृह निर्माण संस्था से खरीदी और उसकी राशि भी निजी खातों में जमा करवा ली। 29 लाख में खरीदी जमीन को बेचकर भी करोड़ों रुपए हासिल किए, तो कल्पतरु संस्था के अध्यक्ष प्रकाश गिरी और उपाध्यक्ष मद्दे के भाई कमलेश जैन के साथ ही सन्नी जायसवाल, जितेन्द्र पटेल, कन्हैयालाल गरफ्पाटीदार, मिलन गिरी, दर्शन, मेहता, श्रीचंद जगवानी, मधुर कांता गिरी संचालक मंडल में शामिल रहे और जितनी भी जमीनें संस्था द्वारा बेची गई उसकी राशि मद्दे के खाते में जमा होती रही। 2018 से 19 और उसके बाद 21-22 में संस्था की जमीनों का विक्रय अनिता डोवल, अभिजीत संजय माने, दीपक संधु, अभिषेक मेहता, शाबीर खान, अतिशय बाकलीवाल, अमजत खान के अलावा एक और संस्था जय हिन्द गृह निर्माण संस्था को भी किया गया और इनसे जितनी भी राशि मिली वह एक-एक कर खातों में जमा होती गई। कुल 4 करोड़ 89 लाख 27 हजार 772 रुपए का भुगतान संस्था से अपने खातों में जमा करा लिया गया। यहां तक कि गाइडलाइन से भी कम कीमत पर जमीनों की बिक्री दिखाई गई और यह पूरी राशि मद्दे के खाते में जमा कराई गई। अब पुुलिसिया गिरफ्त में आया मिलन गिरी इस बारे में नए राज उगलेगा।
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