अहमदाबाद. पोंजी स्कैम (Ponzi scam) से जुड़े एक बड़े मामले से 4 खिलाड़ियों (4 players) के खिलाफ जांच शुरू होने की बात सामने आ रही है. इस मामले की जांच गुजरात (Gujarat) CID कर रही है. सूत्रों ने आज तक को बताया कि 450 करोड़ ( 450 crore) के इस पोंजी स्कैम में जिन 4 खिलाड़ियों के नाम सामने आए हैं, वो सभी गुजरात टाइटन्स (Gujarat Titans) के खिलाड़ी हैं.
सूत्रों के मुताबिक गुजरात टाइटन्स के इन खिलाड़ियों ने विवादास्पद फर्म में निवेश किया था. ये जानकारी सामने आने के बाद खिलाड़ियों की संलिप्तता के साथ-साथ संभावित नुकसान को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं.
पैसे वापस नहीं कर पाया झाला
खिलाड़ियों को लेकर यह खुलासा पोंजी स्कैम के कथित मास्टरमाइंड भूपेंद्र सिंह झाला से पूछताछ के बाद हुआ है. झाला ने पूछताछ के दौरान कबूल किया है कि वह इसमें शामिल क्रिकेटरों के निवेश को वापस करने में विफल रहा है.
पुलिस ने इस मामले से जुड़े 7 और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. एजेंट्स से भी पूछताछ की जा रही है. बता दें कि इस मामले में 11 हजार से ज्यादा निवेशक धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं.
कौन है भूपेन्द्र सिंह झाला?
गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के रहने वाले भूपेंद्र सिंह झाला ने कथित तौर पर एक स्कीम चलाई. स्कीम के तहत 2020 से लेकर 2024 तक BJD फाइनेंशियल सर्विसेज के जरिए 11,000 से ज्यादा निवेशकों से 450 करोड़ रुपये इकट्ठे किए गए. झाला ने निवेशकों से 36 प्रतिशत सालाना रिटर्न देने का वादा किया. डिफॉल्ट करने से पहले झाला ने लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए शुरुआत में दावे पूरे भी किए.
झाला ने निवेश आकर्षित करने के लिए कमीशन पर एजेंट नियुक्त किए थे. इनमें से कुछ लोगों ने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करवाया था. इन पैसों के जरिए ही झाला ने 100 करोड़ रुपए की संपत्ति हासिल कर ली. जांच शुरू होने के बाद भी करीब एक महीने तक अधिकारियों से बचने के बाद 27 दिसंबर 2024 को गुजरात के मेहसाणा जिले से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
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