काठमांडू। नेपाल के रौतहाट इलाके में एक ईंट कारखाने पर बंधक बनाकर रखे गए 38 बंधुआ मजदूरों को बचाया गया है। इन लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। नेपाल की पुलिस ने यह जानकारी दी है। नेपाली पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, बंधक बनाकर रखे गए लोग उत्तर प्रदेश के हैं।
जानकारी के मुताबिक, ये राहत और बचाव कार्य बुधवार को चलाया गया था। दरअसल, उस दिन जिले के पुलिस अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि जिले की नगर पालिका परोहा स्थित अमन ईंट कारखाने में उत्तर प्रदेश के 20 पुरुषों और 18 बच्चों और महिलाओं के एक समूह को बंधक बनाकर उनसे जबरन मजदूरी कराई जा रही है।
इस सूचना के आधार पर उन लोगों को बचाने के लिए पुलिस कार्यालय ने कार्रवाई के लिए एक टीम बनाकर बचाव अभियान चलाया। इस अभियान के बारे में रौतहट में पुलिस उपाधीक्षक के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ईंट कारखाने में बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने वाले कुल 38 भारतीयों को बचाया गया है। ये सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि बचाए गए भारतीयों को आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक कागजी कार्रवाई के बाद बिहार के सीतामढ़ी जिले के बैरगनिया में सशस्त्र सीमा बल को सौंप दिया गया। ये पहली बार नहीं है , जह नेपाल में भारतीयों को बंधक बनाकर उनसे जबरन काम कराया जा रहा था। इससे पहले 2013 में, दक्षिणी नेपाल में बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने वाले 27 नाबालिगों सहित 64 भारतीयों को नेपाली अधिकारियों ने बचाया था।
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