भोपाल। कर्ज के दलदल में फंसी मध्यप्रदेश सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 370 योजनाएं बंद कर दी हैं। इनमें स्कूल, आईटी, उद्योग, कृषि ऋण, मेट्रो रेल और प्रधानमंत्री सडक़ योजनाएं भी शामिल हैं।
माना जा रहा है कि बढ़ते कर्ज और फंड की कमी के चलते इन योजनाओं को बंद किया गया है। पिछले दस महीनों में सरकार ने जो तीन आदेश जारी किए हैं उससे साफ हो गया है कि वित्त विभाग की अनुमति के बिना योजनाओं के लिए धन नहीं निकाला जा रहा है। योजना बंद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित शिक्षा विभाग हो रहा है। शिक्षा विभाग की 20 योजनाएं ठंडे बस्ते में डाल दी गई हैं।
गौरतलब है कि मौजूदा मोहन सरकार को विरासत में 3.50 लाख करोड़ रुपए का कर्ज मिला है, जबकि एक माह में 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज और ले लिया गया है। चुनाव से पहले भाजपा ने कई वादे किए थे। इन वादों और योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकारी खर्च में दस प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है।
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