इंदौर (Indore)। इंदौर से राजेंद्र नगर के बीच पिछले 6 माह के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से जहां एक ओर 36 लोगों ने जान गंवाई है, उनमें से 25 ऐसे लोग भी हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई, वही 7 लोग चपेट में आकर अपने शरीर के अंग गंवा चुके हैं।
इंदौर जीआरपी पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 6 माह के दौरान इंदौर, मांगलिया, बरलाई, लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेन की चपेट में आने से 36 लोगों की मौत हुई है। 10 महिलाएं भी इस दौरान अपनी जान गंवा चुकी हैं।
जीआरपी पुलिस ने बताया कि लक्ष्मीबाई नगर और राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन के बीच सर्वाधिक 20 लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हुई है। हालांकि 25 लोगों की शिनाख्त अभी भी नहीं हो पाई है। इन सभी में मामले पुलिस ने कायम किए हैं। ज्यादातर मामले खुदकुशी के निकले हैं। कुछ रेलवे पटरी पार करते हादसे का शिकार हो गए, कुछ की लापरवाही के कारण जान गई है। जीआरपी टीआई सुरेश हतेकर ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में ट्रेन की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या इस चालू वर्ष में सर्वाधिक रही है। पिछले वर्ष 20 लोगों की जान गई थी।
ट्रेन में सफर करने वाले अधिकांश बाहरी लोग
ट्रेन में सफर करने वाले अधिकांश लोग बाहरी होते हैं और दुर्घटना होने के बाद यह पता नहीं चलता है कि वे किस शहर या कस्बे के रहने वाले हैं। इस कारण इन मृत लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाती है। इस काम में जीआरपी पुलिस की भी उदासीनता होती है। उन्हें चाहिए कि जिन लोगों की शिनाख्त नहीं हुई है, उनकी तस्वीरें वे ट्रेन के प्रारंभ से लेकर गंतव्य तक के स्टेशनों पर लगाना चाहिए। ऐसे में कई परिजन अपनों को ढूंढते रह जाते हैं।
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