उज्जैन। गंभीर डेम में अब मात्र 350 एमसीएफटी पानी बचा है और इसमें से भी 100 एमसीएफटी डेड स्टोरेज है, अर्थात अब मात्र 250 एमसीएफटी पानी ही शेष है और बारिश में अभी देरी है। ऐसे में जल संकट और गहराएगा। गंभीर डेम की सांस अब फूलने लगी है। गंभीर डेम में मात्र 350 एमसीएफटी पानी ही बचा है। इसमें से 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज का रहता है। इसी पानी में अब पूरा जून माह और जुलाई का प्रथम सप्ताह निकालना है।
वैसे मौसम विभाग के अनुसार बारिश 20 जून के आसपास होगी लेकिन बारिश में खींच हुई और जुलाई के आखिरी सप्ताह में मानसून पिछले वर्ष की तरह शुरू हुआ तो गंभीर डेम सूख सकता है और उज्जैन की पेयजल व्यवस्था के लिए नर्मदा का पानी लाना पड़ेगा। अधीक्षण यंत्री के.एन.भास्कर ने बताया 5 जुलाई तक गंभीर डेम के पानी से शहर की पेयजल व्यवस्था का काम चलेगा और इसके बाद यदि जरूरत हुई तो नर्मदा का पानी पाइपलाइन के माध्यम से लाया जाएगा। गंभीर डेम में घटते पानी को देखते हुए अब चैनल कटिंग का काम नाहरखेड़ी से सोमवार को शुरू किया जाएगा और जरूरत पडऩे पर अन्य स्थानों से भी चैनल कटिंग की जाएगी।
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