इंदौर। शिवाजी मार्केट में 126 में से 35 दुकानें ऐसी हैं, जो कई बार खरीदी-बेची गई और इसी मामले के चलते शिफ्टिंग का प्रक्रिया उलझ गई। पहले खरीदी-बेची गई दुकानों को लेकर पूर्व मालिकों ने अपना दावा प्रस्तुत कर दिया था, जिसके चलते निगम के सामने असमंजस की स्थिति हो गई थी। अब निगम ने इस मामले में नगरीय प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन मांगा है, ताकि ऐसी दुकानों का मामला सुलझाया जा सके और शिफ्टिंग की प्रक्रिया चुनाव निपटते ही पूरी कराई जा सके।
नंदलालपुरा सब्जी मंडी के समीप शिवाजी मार्केट के लिए नया कॉम्प्लेक्स बनाया गया है और इसे बने एक वर्ष हो गया है, लेकिन शिवाजी मार्केट की दुकानों का मामला लगातार उलझन में पड़े रहने के चलते शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। कई दुकानदारों ने नगर निगम मार्केट विभाग में जाकर बेची गई दुकानों को लेकर अपना दावा प्रस्तुत कर दिया था, जिसके चलते निगम द्वारा सभी 126 दुकानदारों से कागजात मंगवाए गए थे और महीनों तक उनकी जांच चलती रही थी। नगर निगम मार्केट विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब इस मामले में निगम की ओर से नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा गया है। वहां से स्थिति स्पष्ट होने के बाद निगम द्वारा इसकी कार्रवाई तेजी से शुरू की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक कई दुकानदार नए मार्केट में शिफ्ट होने को लेकर सहमत हैं और उन्होंने मार्केट का निरीक्षण भी किया था। अधिकांश व्यापारी सहमत हैं, लेकिन 35 दुकानों के कारण मामला अटका पड़ा है। करीब पांच करोड़ की लागत से बना नया मार्केट बदहाल हो रहा है, वहीं शिवाजी मार्केट के दुकानदारों की गुत्थी नहीं सुलझ पा रही है। निगम के सामने यह परेशानी है कि दुकानों का नामांतरण किया जाता है तो कई पूर्व मालिक भी इसकी कतार में हैं।
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