इंदौर। सम्पत्ति कर और जल कर के मामलों में कम वसूली को लेकर 35 राजस्व अधिकारी जांच की चपेट में आ गए हैं। इनके खिलाफ अपर आयुक्त ने यह पता लगाने को कहा है कि पिछले दो सालों की अवधि में वसूली का आंकड़ा (recovery figure) अलग-अलग क्षेत्रों में अचानक कम क्यों हो गया, वहीं दूसरी ओर वसूली के कार्यों में लापरवाही को लेकर कुछ राजस्व अधिकारियों को नोटिस भी जारी हुए हैं।
मार्च के चलते राजस्व विभाग (Revenue Department) के अमले को बड़े बकायादारों के यहां कार्रवाई करने के साथ-साथ जब्ती-कुर्की के निर्देश कल बैठक में दिए गए। राजस्व विभाग की अपर आयुक्त भव्या मित्तल ने सभी बिल कलेक्टरों और राजस्व अफसरों (Collectors and Revenue Officers) के साथ बड़े अधिकारियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें अब तक हुई वसूली के मामले को लेकर समीक्षा की गई। कचरा प्रबंधन शुल्क की राशि कम वसूली को लेकर भी कई एआरओ और बिल कलेक्टर (ARO and Bill Collector) को फटकार लगाई गई। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि अब तक बेहतर राजस्व देने वाले कई झोनों के वसूली आंकड़ों में पिछले दो सालों में अचानक कमी क्यों आई और इस दौरान वहां तैनात अधिकारियों की पड़ताल करने के निर्देश दिए गए। राजस्व अधिकारियों के मुताबिक करीब 35 से ज्यादा राजस्व अधिकारी जांच की चपेट में आ रहे हैं और उनके द्वारा किए गए वसूली कार्यों की पड़ताल की जाएगी। किन क्षेत्रों से कितना सम्पत्ति कर वसूला गया और वहां वर्तमान में क्या स्थिति है, इसके लिए राजस्व विभाग के बड़े अफसरों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। इसमें अगर गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित राजस्व अफसरों के खिलाफ निगम द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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