न्यूयार्क । संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी मामलों की एजेंसी (UNHCR) का कहना है कि युद्ध से बर्बाद हुए देश अफगानिस्तान में करीब 35 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। इसकी वजह से न सिर्फ लोगों के आर्थिक हालात खराब हुए हैं बल्कि वे देश छोड़ने को मजबूर हो उठे हैं । दूसरी ओर अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से पाकिस्तान की चमन-स्पिन बोल्दाक सीमा पर सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं।
बतादें कि अफगान शरणार्थियों में से 90 फीसद की मेजबानी ईरान और पाकिस्तान ही करते हैं। तो वहीं, तालिबान के अफगानिस्तान में आने के बाद हालात काफी खराब हो गए हैं। इसके चलते काफी संख्या में अफगान नागरिक दूसरे देशों में गए हैं।
यूएनएचसीआर की तरफ से बताया गया कि लाखों की संख्या में पिछले वर्ष या उससे पहले भी यहां के लोग विस्थापितों की तरह जीवन जी रहे थे। लेकिन इस दौरान उनमें से कुछ वापस भी आए हैं। वहीं वापस आए लोगों का भी संकट दूर नहीं हो सका है। फिलहाल पाकिस्तान में ही करीब लाखों अफगान शरणार्थी पंजीकृत हैं।
वहीं, इसे लेकर पाकिस्तान ने अपील की है कि उसको इन सभी के भरण पोषण के लिए सहायता दी जानी चाहिए। इसके अलावा करीब आठ लाख अफगान शरणार्थी ईरान में रहते हैं। हजारों की संख्या में ऐसे अफगान शरणार्थी भी हैं जो अब तक पंजीकृत नहीं हो सके हैं। पाकिस्तान की सीमा की ही यदि बात करें तो अफगान शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान में घुसना सबसे बड़ी बाधा बनी हुई थी।
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