इंदौर। डॉग बाइट यानी आवारा श्वानों द्वारा काटे जाने की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि नगर निगम नसबंदी से लेकर रेबिज फ्री सिटी पर काम कर रहा है। वहीं जनभागीदारी के जरिए भी डॉग फिडिंग के लिए स्थान चिन्हित करवाए जा रहे हैं। अभी स्वास्थ्य विभाग ने 35 हॉटस्पॉट शहर में ऐसे चिन्हित किए जहां पर डॉग बाइट के सबसे अधिक केस मिले हैं, जिनमें मूसाखेड़ी नम्बर वन हैं। उसके बाद द्वारकापुरी, खजराना, गौरी नगर सहित अन्य इलाके आते हैं।
शहर की ऐसी कोई कॉलोनी, मोहल्ला, टाउनशिप नहीं है जहां के रहवासी आवारा श्वानों से परेशान ना हों। मगर पशु क्रूरिता अधिनियम की सख्ती के चलते इन आवारा श्वानों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। नगर निगम सिर्फ नसबंदी ही करता है। वहीं अभी निगमायुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह, जिनका कल रात ही तबादला भी हो गया। उन्होंने कल डॉग बाइट से जुड़े मुद्दों को लेकर महत्वपूर्ण बैठक भी ली और पिंक सिटी जाकर रहवासी संघ से मुलाकात की। इसके साथ ही बच्चों को जागरूक करने और रेबिज फ्री सिटी बनाने पर भी निगम द्वारा काम किया जा रहा है।
आयुक्त हर्षिका सिहं द्वारा इस संबंध में शहर के आमजन के साथ ही अन्य संस्थाओ से आवारा श्वानो की आक्रामकता कम करने के लिए उनके खाने पीने की व्यवस्था और दोस्ताना माहौल देने के उददेश्य से एक संतुलित पोषक आहार मिलता रहे एवं फीड करवा रहे व्यक्ति को कोई व्यवधान उत्पन्न न हो, इस हेतु आमजन/ संस्था को निगम द्वारा अधिकृत फीडर कार्ड जारी किया जा रहा है, जिससे जनभागीदारी के उददेश्य से रहवासी संघो को उक्त कार्य में सम्मिलित भी किया जा रहा है। डॉग बाईट को रोकने के साथ ही श्वान के खाने-पीने की व्यवस्था व दोस्ताना माहौल देने को लेकर भी चर्चा हुई।
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