उज्जैन। किसानों को सोयाबीन के उचित भाव नहीं मिलने के कारण वह लगातार परेशान हैं और आंदोलन कर रहे हैं। खेतों में खड़ी फसल में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने के लिए जिन दवाइयों को खरीदा जा रहा है, वह नकली दी जा रही है। ऐसे ही एक मामले में किसान की 35 बीघा की सोयाबीन फसल पूरी तरह नष्ट हो गई।
सोयाबीन में खरपतवार नाशक दवाई छिड़कने से किसान की लगभग 35 बीघा की फसल नष्ट हो गई, जिसकी शिकायत पर कृषि विभाग के सहायक संचालक सहित पाँच अधिकारियों की टीम संबंधित दुकान पर सेम्पलिंग की कार्यवाही करने के लिए पहुँची। कार्यवाही के दौरान शिकायकर्ता, दुकानदार सहित किसान मौजूद थे। बडऩगर के अंतर्गत गाँव जलोदिया जागीर के किसान दशरथसिंह पिता प्रथेसिंह राजपूत की शिकायत पर कृषि विभाग के सहायक संचालक नरेश मीणा, कृषि वैज्ञानिक डॉ. आर.के. सूर्यवंशी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी संदीप करोड़े, कृषि विस्तार अधिकारी श्याम पाटीदार एवं कृष्णा चौहान जाँच करने के लिए पहुँचे। अशोक टॉकीज के सामने स्थित दुकान पर कार्यवाही की। इस दौरान अधिकारियों ने खरपतवार नाशक ब्राश नामक दवाई की सेम्पलिंग की। पीडि़त किसान के पुत्र कुलदीपसिंह देवड़ा ने अधिकारियों को बताया कि लगभग 35 बीघा खेत में सोयाबीन की बोवनी की थी। बोवनी के 60 दिन बाद यानि 3 दिन पहले फसल में ब्रॉश नामक खरपतवार नाशक दवाई का छिडकाव दुकानदार के कहे अनुसार किया था। दुकानदार ने बताया था कि 1 लीटर दवाई को 3 बीघा में जो 750 लीटर पानी में 4 लीटर दवाई मिलाकर 12 बीघा में छिड़काव किया गया। इसके बाद 28 व 29 जून को सोयाबीन की बोवनी की गई, जिसके शुरूआती दौर में फसल की वृद्धि एवं विकास कम हो रहा था, फसल कमजोर सी दिखाई दे रही थी। अब फसल पूर्ण रुप से पीली होकर सूख चुकी है जिससे किसान की लगभग 80 से 90 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है। शिकायकर्ता ने अधिकारियों को दवाई खरीदी का बिल नंबर 2024-25/128 भी उपलब्ध कराया। किसान ने नष्ट फसल के मुआवजे की माँग की है। दुकानदार ने बताया कि शिकायत पर अधिकारियों की टीम सेम्पलिंग करने के लिए पहुँची थी। ब्रॉश नाम की खरपतवारनाशक दवाई का सेम्पल लिया है, यह दवाई अन्य किसानों को भी उपलब्ध कराई गई है। कोई शिकायत नहीं आई है। अभी सेम्पलिंग हुई है, जाँच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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