इंदौर। नेशनल लोक अदालत में मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीन 3480 प्रकरण निराकृत हुए हैं। नियमानुसार पचास हजार तक के प्रकरणों पर 15 जिले में करीब 1 करोड़ 11 लाख रुपए की छूट उपभोक्ताओं, प्रकरणों के निराकरण पर दी गई है। लोक अदालत के दौरान कंपनी के पांच करोड़ 27 लाख रूपए के प्रकरणों का समाधान हुआ है। मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर के निर्देश पर कंपनी क्षेत्र के 425 जोन, वितरण केंद्रों, कार्यालयों के माध्यम से लोक अदालत की तैयारी की थी। मुख्य सतर्कता अधिकारी राकेश कुमार आर्य ने बताया कि लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में समझौता किया गया।
प्री लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट प्रदान की गई। प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट मिली, जबकि लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी गई। लोक अदालत की कंपनी क्षेत्र के 425 वितरण केंद्रों, जोन के माध्यम से तैयारी की गई थी। बिजली कंपनी की ओर से इस बार लोक अदालत में 50 हजार से ज्यादा प्रकरणों के तामिली के नोटिस जारी किए जाने का दावा किया गया था। इसमें से इस लोक अदालत में 7 फीसदी प्रकरण का निराकरण हो पाया। इसके पीछे नोटिस तामीली में लेटलतीफी रही। वहीं 50 हजार रुपए की बाध्यता के चलते भी सीमित मात्रा में प्रकरणों के समझौते लोक अदालत में हुए।
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