भोपाल। मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के अंतर्गत आने वाले 9 जिलों में एक दिन के भीतर 34 हजार 386 प्रकरणों का निराकरण ‘समाधान आपके द्वार’ योजना के तहत किया गया। यह इस योजना का तीसरा चरण था। इससे पहले भी दो चरणों में इसी योजना के तहत लोगों के न्यायालयीन एवं विभागीय प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर व उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, ग्वालियर के संयुक्त तत्वाधान एवं न्यायमूर्ति रोहित आर्या, प्रशासनिक न्यायाधिपति, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के मार्गदर्शन में ‘समाधान आपके द्वारÓ योजनांतर्गत 8 अप्रैल को तृतीय चरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें एक ही दिन में 34386 न्यायालयीन एवं विभागीय प्रकरणों का निराकरण किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ – ग्वालियर के क्षेत्राधिकार अंतर्गत 09 जिले भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर एवं विदिशा में आयोजित किया गया था, जिसमें न्यायालय के साथ-साथ राजस्व विभाग, विद्युत वितरण कंपनी, वन विभाग एवं पुलिस विभाग के प्रकरणों को निराकरण करने हेतु रखा गया था।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु माननीय न्यायमूर्ति रोहित आर्या की अध्यक्षता में संभाग स्तरीय अधिकारी के साथ बैठक की गई थी। कार्यक्रम की रूपरेखा अनुसार क्लस्टर गठन करने व योजना क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश प्रदान किये थे। जिसके परिणामस्वरूप 9 जिलों में को तृतीय चरण कार्यक्रम अंतर्गत राजस्व विभाग के 9578 प्रकरण, विद्युत विभाग के 6346 प्रकरण, आपराधिक प्रवृत्ति के 14550 प्रकरण, वन विभाग के 390 प्रकरण, 21 सिविल प्रकरण एवं अन्य प्रकृति के 3501 प्रकरण, इस प्रकार कुल 34386 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, इसके साथ ही 482 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें मध्यस्थता की गई है तथा उन्हें निराकृत किये जाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। समाधान आपके द्वार योजना के प्रथम चरण में लगभग 05 हजार तथा द्वितीय चरण में लगभग 10 हजार से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण किया गया था ।
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