रात 11 बजे तक काउंटरों पर जमा होता रहा पैसा, मिलान के बाद राशि का आंकड़ा और ज्यादा बढऩे की उम्मीद
इंदौर। कल नगर निगम (Nagar Nigam) के राजस्व अधिकारियों का सारा ध्यान लोक अदालत (Lok Adalat) पर था, क्योंकि निगम की आर्थिक हालत खस्ता होने के चलते सभी अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा राशि जमा करवाने के निर्देश दिए गए थे। कल देर रात तक राशि जमा होती रही और लगभग 34 करोड़ रुपए की राशि निगम खजाने में आई। इसमें से सर्वाधिक राशि सम्पत्ति कर (Property Tax) की है।
निगम की आर्थिक हालत इतनी खस्ता है कि वेतन बांटने के लाले पड़ गए और बमुश्किल सफाई कामगारों को वेतन बांटा गया, जबकि अभी अधिकारियो और कई विभाग के कर्मचारियों को वेतन दिया जाना बाकी है। आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राजस्व विभाग के अमले को लगातार टारगेट देकर बकायादारों राशि से वसूली के लिए कहा जा रहा है और कल लोक अदालत में भी सभी झोनलों पर राजस्व अमला खासा सक्रिय रहा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और राजस्व समिति प्रभारी निरंजनसिंह चौहान गुड्डू ने झोन 7, 8, 16 सहित कई अन्य झोनों का दौरा किया और वहां चल रही लोक अदालत की जानकारी ली। कल रात 11 बजे तक निगम के सभी केश काउंटर खुले थे और करदाता राशि जमा करने में लगे थे। अब तक हुई गणना में कुल राशि 33 करोड़ 74 लाख रुपये की जमा हुई है।
साढ़े सात हजार नोटिस किए थे जारी… लोक अदालत में पहुंचे ढाई हजार के करीब
कल जिला न्यायालय में लगी नेशनल लोक अदालत में ढाई हजार से ज्यादा लंबित ई-चालानों का निराकरण हुआ। यातायात पुलिस ने लोक अदालत से एक हफ्ते पहले साढ़े सात हजार से ज्यादा लंबित ई-चालान तामील करवाए थे। कल यहां ई-चालान के निराकरण के लिए पहुंचे लोगों को अधिकारियों ने यातायात नियमों के पालन की समझाइश भी दी। ये नोटिस उन्हें जारी किए गए थे, जिन्होंने जनवरी से अब तक यातायात नियमों के उल्लंघन किया है। डीसीपी ट्रैफिक मनीष कुमार अग्रवाल के अनुसार, कल नेशनल लोक अदालत में 2817 लंबित ई-चालान का निराकरण हुआ है, जो पिछली लोक अदालत में हुए निराकरण के मुकाबले कहीं ज्यादा है। थाना प्रभारी सुप्रिया चौधरी ने बताया कि कई लोग हैं, जो लोक अदालत की बजाय सीधे यातायात थाना आकर भी लंबित ई-चालान की राशि जमा कर रहे हैं।
बिजली कंपनी को मिले साढ़े 5 करोड़… 94 लाख की दी छूट… 50 हजार की बाध्यता रही परेशानी का कारण
नेशनल लोक अदालत में मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 3038 प्रकरण निराकृत हुए। नियमानुसार करीब 94 लाख रुपए की छूट उपभोक्ताओं, प्रकरणों के निराकरण पर दी गई है। हालांकि बिजली कंपनी की ओर से लोक अदालत में समझौता होने वाले प्रकरण में 50 हजार तक के जुर्माने वाले प्रकरण शामिल किए गए थे। राशि की बाध्यता अगर समाप्त हो जाती तो निराकरण होने वाले प्रकरणों की संख्या दोगुनी भी हो सकती थी। लोक अदालत के दौरान कंपनी के साढ़े पांच करोड़ रुपए के प्रकरणों का समाधान हुआ है। बिजली कंपनी ने मालवा-निमाड़ क्षेत्र के 425 जोन, वितरण केंद्रों, कार्यालयों पर बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में समझौता किया गया। इसमें निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट प्रदान की गई।
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