उज्जैन। थानों में होने वाली वसूली और मारपीट पर अंकुश लगाने के लिए 5 माह पहले पुलिस मुख्यालय के आदेश पर शहर और देहात के सभी थानों को कैमरे लगाने का निर्णय हुआ था और जो पूरा हो गया है। शहर और देहात के 32 थानों और 3 चौकियों में कैमरे लग चुके हैं। हर थाने में 10 कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों के लगने से जहाँ स्टाफ पर नजर रखी जा रही है, वहीं अन्य सुविधा भी मिलेगी। एएसपी आकाश भूरिया ने बताया कि शहर के 14 और देहात के 18 थानों में कैमरे लगाने का काम पूरा हो गया है। इनमें महिला थाना, नारकोटिक्स थाना, एजेके थाना, यातायात थाना और रेलवे थाने में भी कैमरे लगाए गए हैं। चार माह से यह काम चल रहा था, जो पूरा हो गया है। हर थाने में 10 कैमरे इस तरह लगाए गए हैं कि थाने का कोई क्षेत्र कैमरे की जद से बच न सके। थानों में मालखाना, इंट्री, एक्जिट, परिसर, लॉबी, हवालात, विवेचना कक्ष, टीआई कक्ष में ये कैमरे लगाए गए हैं। इनकी 18 माह की रिकॉर्डिंग थाने को रखना होगी, ताकि कोई घटना होने पर रिकॉर्डिंग से सत्यता की जांच की जा सके। इसके अलावा 3 चौकियों को भी कैमरों से लैस किया गया है। कुल 330 से ज्यादा कैमरे थानों में लगाए जा चुके हैं।
नवंबर में लगा दिए गए थे थानों में कैमरे
एएसपी भूरिया ने बताया कि सभी थानों और चौकियों में मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद नवंबर में ही कैमरे लगवा दिए गए थे। इन कैमरों से अब थाना स्टॉफ पर आसानी से नजर रखी जा रही है, वहीं थाने मेंं पहुँचकर हंगामा करने वालों की पहचान भी तत्काल हो जाती है और पुलिस के पास इस बात का सबूत भी रहता है कि किन लोगों द्वारा थाने में जाकर अभद्रता की थी। इन कैमरों के लग जाने से थानों में रिश्वतखोरी पर निगाह रखी जा रही है।
झूठ पकडऩे में भी कैमरे सहायक
उल्लेखनीय है कि कई बार लोग थाने जाकर शिकायत दर्ज कराते हैं और बाद में कह देते हैं कि पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की और भगा दिया लेकिन इन कैमरों में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आमद दर्ज होती है और फुटेज से अब झूठ पकडऩे में आसानी हो रही है और पुलिस बदनामी से भी बच रही है।
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