नई दिल्ली। डिजिटल लेनदेन के दौर में भी लोगों का नकदी से मोहभंग नहीं हुआ है। एक साल में एटीएम से नकदी निकासी की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। बृहस्पतिवार को जारी कैश मैनेजमेंट कंपनी सीएमएस की कैश वाइब्रेंसी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश के एटीएम से एक अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 के बीच 33 लाख करोड़ रुपये एटीएम से निकाले गए। 2021-22 में यह आंकड़ा 32 लाख करोड़ था।
सीएमएस इन्फो सिस्टम्स के अध्यक्ष (कैश मैनेजमेंट सर्विसेज) अनुश राघवन ने कहा, रिपोर्ट से साफ है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी का महत्व बढ़ रहा है। कोविड के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के बाद रिटेल कैश मैनेजमेंट का खर्च भी डेढ़ गुना बढ़ गया है। यह 2021-22 के 1.49 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 2.06 करोड़ रुपये पहुंच गया।
यूपी समेत इन राज्यों से निकले 15 लाख करोड़
करीब 15 लाख करोड़ रुपये अकेले यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के एटीएम से निकल गए। यह रकम 69.5 करोड़ बार में डेबिट कार्ड से निकाली गई।
इतने बढ़े एटीएम का इस्तेमाल करने वाले
दिल्ली 23.78 फीसदी
कर्नाटक 18.14 फीसदी
तमिलनाडु 15.77 फीसदी
केरल 14.67 फीसदी
महाराष्ट्र 13.69 फीसदी
उत्तर प्रदेश 9.13 फीसदी
कोरोना में एटीएम से दूरी कोरोना काल में एटीएम का सबसे कम इस्तेमाल हुआ। मार्च, 2020 में सिर्फ 2.84 लाख करोड़ निकाले गए। अप्रैल, 2020 में रकम घटकर सिर्फ 1.28 लाख करोड़ रह गई।
1.35 करोड़ रुपये औसतन निकले एक एटीएम से
रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में देश में एक एटीएम से औसतन 1.35 करोड़ रुपये निकाले गए। 2021-22 में यह आंकड़ा औसतन 1.23 करोड़ रुपये था।
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