इंदौर। 2200 एकड़ जमीन पर प्रदेश का पहला टेक्सटाइल पार्क धार जिले के ग्राम भैंसोला में विकसित किया जा रहा है। पीएम मित्र पार्क के नाम से केन्द्र सरकार ने इसका प्रोजेक्ट मंजूर किया और 1500 करोड़ रुपए की राशि इसको विकसित करने पर खर्च की जाएगी, जिसमें 320 बड़े आकार के और मध्यम आकार के भूखंड विकसित होंगे और अभी 30 देश की जानी-मानी टेक्सटाइल कम्पनियों ने 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव भी सौंप दिए हैं। अभी इंदौर आए केन्द्रीय कपड़ा मंत्री गिरीराज सिंह के समक्ष भी पोलोग्राउंड स्थित बुनकर सेवा केन्द्र में इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन रीजनल डायरेक्टर राजेश राठौर और उनकी टीम ने दिया, जिसे देखने के बाद केन्द्रीय मंत्री ने इसकी सराहना की और कहा कि यह टेक्सटाइल पार्क 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
केंद्रीय मंत्री सिंह ने प्रेजेंटेशन देखने के बाद संतोष जताते हुए कहा कि सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है, दुनिया में भारत को एक नंबर बनाना, आत्मनिर्भर भारत बनाना। धार जिले में बनने वाले पीएम मित्रा में पार्क 10 हजार करोड़ से ऊपर का इन्वेस्टमेंट होगा और कम से कम एक लाख रोजगार के अवसर मिलेंगे। हम अपनी क्षमता को और ज्यादा बढ़े रहे हैं। पिछले दो महीने यानी अक्टूबर-नवंबर में गारमेंट में एक्सपोर्ट बढ़ा है, जो पिछले साल से 35 परसेंट ज्यादा है। वहीं टेक्सटाइल इंडस्ट्री में 11 परसेंट एक्सपोर्ट बढ़ा है। देश के सात राज्यों में बने वाले पीएम मित्रा पार्क में से एक इंदौर औद्योगिक रीजन के धार जिले के भैंसोला में 873 हेक्टेयर में अत्याधुनिक सुविधाओं और प्रदेश की औद्योगिक रणनीति के अनुसार तैयार किया जा रहा है।
सीएम डॉ. मोहन यादव की प्राथमिकता का प्रोजेक्ट है और वे खुद इस पर नजर रखे हुए हैं। 25 और 26 फरवरी को भोपाल में होने वाली इंवेस्टर्स समिट के लिए इसे मेजर लैंड बैंक के रूप में पेश किए जाने की योजना है। पार्क के विकास पर 1506 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें 1195 करोड़ से इंफ्रास्ट्रक्चर विकास होगा और 311 करोड़ से अन्य सहयोगी गतिविधयों का विकास किया जाएगा। पार्क का प्रस्तावित लेआउट अत्याधुनिक है, जो बेहतर परिवहन, व्यापार और औद्योगिक अवसरों को बढ़ावा देगा। इसमें व्यावसायिक और आवासीय उपयोग के लिए 70-80 फीसदी ग्राउंड कवरेज होगा, दो से अधिक एफएआर मिलेगा, जो इसे उच्च क्षमता वाला बनाता है।
यह डिजाइन न केवल आधुनिक निर्माण को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि उच्च घनत्व वाले औद्योगिक केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। प्रोजेक्ट में अब तक 30 टैक्सटाइल कंपनियों से 10000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं, जिनमें 42000 से अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद 1 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है। प्रोजेक्ट में कच्चे माल की प्रोसेसिंग से कपड़ा बनने तक की इंडस्ट्रियां होंगी। यह न केवल प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक प्रगति को संतुलित करते हुए, प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नई दिशा देगी।
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