भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने मध्य प्रदेश में (In Madhya Pradesh) फसल को 50 फीसदी से अधिक हुए नुकसान पर (For More than 50 Percent Damage to the Crop) 32 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर (32 Thousand Rupees per Hectare) मुआवजा (Compensation) देने का एलान किया है (Has Announced) । मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचाई है। इस आपदा ने किसानों को बबार्दी के मुहाने पर ला दिया है। अब यह बर्बादी सियासी मुद्दा बनने लगी है।
बीते दिनों राज्य में हुई बारिश ने 20 जिलों की 51 तहसील के 500 से ज्यादा गांव में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। प्रारंभिक तौर पर हुए आकलन से पता चला है कि लगभग 39 हजार किसानों की लगभग 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल को नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं कई लोगों की जान गई है तो वही मवेशियों की भी मौत की सूचनाएं आ रही हैं।
एक तरफ जहां शिवराज सरकार किसानों की हर संभव मदद का वादा कर रही है, वहीं विरोधी दल कांग्रेस लगातार सवाल उठाने में लगी हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य सरकार के कई मंत्री प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तो फसल को 50 फीसदी से अधिक हुए नुकसान पर 32 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि देने का एलान करते हुए बीमा राशि का भी जल्दी भुगतान कराने और किसानों को अन्य सुविधाएं देने का वादा किया है।
वहीं कांग्रेस की ओर से सरकार की घोषणा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने तो मांग की है कि बगैर सर्वे के ही 40 हजार रुपये हेक्टेयर की मुआवजा राशि किसानों को दी जानी चाहिए। कांग्रेस के प्रदेषाध्यक्ष कमलनाथ द्वारा जल्दी सर्वे कराए जाने के साथ किसानांे को जल्दी से जल्दी सहायता राशि दिए जाने की मांग की है। वहीं झूठे आश्वासन, घोषणा करने का आरेाप लगाया है।
कमलनाथ के आरोपों पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है, कमलनाथ की ट्यूबलाइट थोड़ी देर से जलती है। उन्होंने आगे कहा कि ओलापीड़ित किसानों का सर्वे पहले ही शुरु कर दिया गया है, कमल नाथ ने चिट्ठी लिखने में देर कर दी है। वे जानते नहीं हैं, सिर्फ चिट्ठियां लिखते है। जहां तक झूठ बोलने की बात है तो कांग्रेस की आदत है झूठ बोलना और फिर मुकर जाना।
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